श्रीलंका के महानतम स्पिनरों में शुमार मुथैया मुरलीधरन ने आज ही के दिन 22 जुलाई को 2010 में अपने क्रिकेट करियर के 800 विकेट पूरा कर टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहा था।
मुरलीधरन ने अपना आखिरी टेस्ट मैच भारत के खिलाफ गॉल में खेला था। यह सीरीज का पहला टेस्ट मैच था। इस टेस्ट से पहले ही मुरलीधरन ने टेस्ट से संन्यास लेने का मन बना लिया था यह उनका आखिरी टेस्ट था और वो अपने 800 विकेट से 8 विकेट दूर थे।
पहले टेस्ट मैच में उनको तीन दिन तक खेल होने के बाद मात्र 1 ही विकेट मिला था। उन्होंने सचिन तेंदुलकर का विकेट लिया था। मैच का दूसरा दिन बारिश ने ख़राब कर दिया था। फिर टेस्ट मैच के चौथे दिन उन्होंने 5 विकेट अपने खाते में डाले।
मुरलीधरन के 800वें शिकार प्रज्ञान ओझा बने। वह कैच महेला जयवर्धने ने पकड़ा था। खास बात यह है कि मुरली ने अपने टेस्ट करियर की आखिरी गेंद पर 800वां विकेट लिया था। मुरली के आलावा रिचर्ड हैडली एक ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने अपने करियर की आखिरी गेंद पर विकेट लिया था।
श्रीलंका ने यह टेस्ट यह टेस्ट 10 विकेट से जीता। मुथैया मुरलीधरन ने 133 टेस्ट मैच खेले और रिकॉर्ड 800 विकेट चटकाए. शेन वॉर्न उनके पीछे हैं, जिनके नाम 708 विकेट दर्ज हैं /वनडे इंटरनेशनल में भी मुरलीधरन ने रिकॉर्ड 534 विकेट निकाले। वसीम अकरम 502 विकेट लेकर दूसरे स्थान पर हैं।