अपने साथ काम करने वाले जूनियर्स को सम्मान देने का सभी अधिकारीयों का अपना-अपना तरीका होता है, लेकिन एक कलेक्टर ने अपने ड्राइवर को ऐसे अनूठे अंदाज में विदाई दी, जो उसने कभी सोची भी नहीं होगी.
दरअसल, पूरा वाकया मुंगेर का है. यहां समहरणालय में 32 साल जिलाधिकारी के ड्राइवर रहे संम्पत राम का फेयरवेल समारोह हुआ. समारोह के बाद कलेक्टर उदय कुमार सिंह ने संम्पत राम को सरकारी गाड़ी में पीछे बैठाया और खुद ड्राइवर बनकर उसे घर तक पहुंचाया.
कलेक्टर ने बताया कि संम्पत राम 32 सालों से मुंगेर डीएम के ड्राइवर रह चुके हैं. उन्होंने अपनी ड्यूटी पूरी ईमानदारी से निभाई. कई कलेक्टरों के वे ड्राइवर रहे. इसीलिए आज उनके सम्मान के तौर पर मैंने खुद कार चलाकर उन्हें घर तक छोड़ा.
संम्पत राम ने बताया कि कार्यक्रम के बाद मैं घर लौटने जा रहा था. तभी डीएम साहब ने मुझे गाड़ी पर चलने के लिए कहा. जैसे ही मैंने अपनी सीट पर बैठने के लिए गेट खोला तो साहब ने मुझे रोक दिया. उन्होंने कहा कि आज तुम नहीं गाड़ी मैं चलाऊंगा. तुम पिछली सीट पर बैठो जहां मैं बैठता हूं. मुझे कुछ समझ नहीं आया. मैंने उनको चाबी दी.
बता दें कि ड्राइवर संम्पत राम 1983 में कलेक्टर के ड्राइवर के रूप में नियुक्त हुए थे. लखीसराय और चकाई के बाद पिछले 32 सालों से वे मुंगेर कलेक्टर के ड्राइवर के रूप में काम करते आ रहे थे. कल उनका रिटायरमेंट हुआ. अपने काम के प्रति समर्पण को लेकर उन्हें उनके सहयोगियों ने कार्यक्रम में सम्मानित किया.
वहीं, कलेक्टर ऑफिस के अन्य कर्मचारियों ने कहा कि कलेक्टर बड़े दिल वाले हैं. अपने जूनियर को इस तरह का सम्मान देना सराहनीय है.