कोर्ट

टाडा कोर्ट ने 1993 बम ब्लास्ट केस में अबु सलेम सहित 7 दोषियों पर 16 जून को अपना अंतिम फैसला सुनाएगी। अदालत के जज ने गैंगस्टर अबु सलेम, मुस्ता दौसा, फिरोज खान, ताहिर मर्चेट, रियाज सिद्दिकी, करीमुल्लाह शेख और अब्दुल कयूम पर अपना फैसला 16 जून तक के लिए सुरक्षित रख लिया है।

जानकारी के मुताबिक, गैंगस्टर अबू सलेम सहित अन्य पर आरोप है कि उन्होंने 1993 मुंबई बम ब्लास्ट से पहले बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त के घर जाकर उन्हें दो एके-47 राइफलें और हथगोले दिए थे। संजय दत्त को इस मामले में एक एके-47 राइफल रखने पर दोषी ठहराया गया था और पांच साल की जेल की सजा दी गई थी।

1993 के मुंबई बम धमाकों के मामले में 25 अप्रेल को हुई पिछली सुनवाई में अदालत ने साफ़ किया था कि अगली तारीख यानि 29 मई को सज़ा या सज़ा की तारिख का ऐलान किया जा सकता है। इसलिए आज मुंबई की विशेष टाडा अदालत अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम समेत कुल सात आरोपियों के खिलाफ सजा का एलान कर सकती है। बता दें कि साल 1993 को हुए 13 बम धमाकों में 257 लोगों की मौत हो गई थी।

बता दें कि आरोपी मुस्तफा डोसा, अबु सालेम समेत, रियाज़ सिद्दीक़ी, करिमुल्ला खान, फ़िरोज़ अब्दुल राशिद, ताहिर मर्चेंट, अब्दुल कैयूम के खिलाफ सीबीआई के चार्जशीट दर्ज कर टाडा कोर्ट में मामला चलाया था। धमाकों के बाद साल 1995 में दाऊद इब्राहिम, टायगर मेमन, अबू सलेम, मुस्तफ़ा डौसा को फ़रार घोषित किया था। हालांकि मुस्तफ़ा डौसा का नाम चार्जशीट में नहीं था, लेकिन साल 2003 में सीबीआई ने मुस्तफ़ा को गिरफतार कर लिया था।

बता दें कि 12 मार्च 1993 को मुंबई में हुए 13 बम धमाकों ने 257 लोगों की मौत जबकि 713 लोग ज़ख़्मी हो गए थे। मुंबई के टाडा कोर्ट में करिब दो दशक तक ये मामला चला और अदालत ने 100 लोगों को दोषी क़रार दिया था।

सीबीआई केस के मुताबिक़ इन सभी आरोपियों ने बम धमाकों की योजना बनाने में, हत्यार लाने, बम बनाने से लेकर धमाकों को अंजाम देने तक मे शामिल थे. अबू सलेम को 2006 में पुर्तगाल से भारत लाकर गिरफतार किया गया था, जबकि दाऊद इब्राहिम, टाइगर मेमन अब भी फ़रार हैं।