वाराणसी: चौथे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में गुरुवार को बड़े पैमाने पर आयोजित योगाभ्यास में 1 लाख से अधिक लोगों ने भाग लिया। संपूर्णानंद स्पोट्स स्टेडियम एवं काशी हिंदू विश्वविद्यालय समेत 1100 स्थानों पर आयोजित सामूहिक योगाभ्यास कार्यक्रमों में 1 लाख से अधिक लोगों के शामिल होने का अनुमान है। सिगरा के संपूर्णानंद स्पोट्स स्टेडियम में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय और उत्तर प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण राज्य मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी, अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी नीलू मिश्रा समेत अनेक गणमान्य सहित हजारों लोग शामिल हुए।
इस अवसर पर संवादाताओं को संबोधित करते हुए डॉ. पांडेय ने योग को मनुष्य का श्रेष्ट कर्म बताया और कहा कि काशी के सांसद नरेंद्र मोदी द्वारा संपूर्ण विश्व को योग की प्रेरणा दी गई। उन्होंने कहा कि मोदी ने मनुष्य को निरोग बनाने वाले भारत की इस प्रचीन परंपरा को विश्वभर में जन अभियान के रुप में बदल दिया। यही वजह है कि आज पूरे विश्व में इसका उद्घोष हो रहा है। यह उपलब्धि काशीवासियों के लिए अत्यंत गौरव का विषय है तथा प्रधानमंत्री अभिनंदन के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री बनते ही मोदी ने योग को दुनियां में खास पहचान दिलाने के लिए प्रयास शुरु कर दिया था। इसी वजह से योग को दुनिया के अधिकांश देशों में मान्यता मिली तथा आज ज्यादातर देशों में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है।
डॉ. तिवारी ने बताया कि वाराणसी के करीब 1100 स्थानों पर सामुहिक योगाभ्यास के कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। संपूर्णानंद स्टेडियम के अलावा काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में हजारों लोगों ने एक साथ योगाभ्यास किए। बीएचयू में मालवीय भवन के अलावा अनेक स्थानों पर हजारों की संख्या में लोगों ने योगाभ्यास किया। उन्होंने बताया कि वाराणसी में एक लाख से अधिक लोगों द्वारा योगाभ्यास किए जाने का अनुमान है। लोग सुबह 4-5 बजे से ही कार्यक्रम स्थलों पर पहुंचने लगे थे।
उन्होंने बताया कि शिवपुर स्थित विवेक सिंह स्पोर्टस स्टेडियम, बड़ालालपुर स्पोर्टस स्टेडियम, केन्द्रीय एवं जिला कारागार के अलावा 760 ग्राम पंचायतों में भी बड़ी संख्या में लोगों ने योगाभ्यास किए। गंगा घाटों पर भी योग करने वालों की अच्छी खासी संख्या देखी गई। अस्सी घाट पर ‘सुबह-ए-बनारस’ के मंच के अलावा प्रमुख गंगा घाटों पर लोगों ने योगाभ्यास किया। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के अलावा तमाम सरकारी एवं अनेक निजी विद्यालयों में लोगों ने योग अभ्यास किया।