वुहान (चीन): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने वुहान नगर में आज अनौपचारिक शिखर बैठक की। मोदी का पारंपरिक तरीके से स्वागत किया गया। अनौपचारिक सीधी बातचीत के बाद मोदी चीन के सबसे अच्छे म्यूजियम की यात्रा व एक मनमोहक झील के किनारे रात्रि भोज शामिल है। इस सम्मेलन को ‘दिल से दिल को जोड़ने वाली पहल’ करार दिया जा रहा है जिसका उद्देश्य दोनों देशों के कुछ अति विवादास्पद मुद्दों पर सहमति की राह खोजना है।
A special moment past midnight as PM @narendramodi was warmly welcomed in Wuhan for the 1st Informal Summit with Chinese President Xi. The two leaders will review the developments in our bilateral relations from a strategic and long-term perspective. pic.twitter.com/DBI5RBaNKu
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) April 26, 2018
मोदी और जिनपिंग 5 से 6 बार करेंगे बातचीत
भोजन के बाद अकेले बैठक करने के बाद फिर से दोनों नेता वार्ता करेंगे जिसमें दोनों ओर से छह-छह आला अधिकारी भाग लेंगे। दोनों नेता चर्चित ईस्ट लेक के किनारे रात्रि भोज करेंगे जो कि चीन के क्रांतिकारी नेता माओ का माओत्से तुंग का पसंदीदा अवकाश गंतव्य रहा है। शनिवार को दोनों नेता झील के किनारे टहलेंगे, बोट में यात्रा करेंगे और भोज करेंगे।
वार्ता होगी, समझौते पर हस्ताक्षर नहीं
दोनों नेताओं ने अपनी अनौपचारिक बैठकों की शुरुआत 2014 में की जब शी भारत गए और मोदी ने उनकी आगवानी गुजरात के साबरमति आश्रम में की। उसके बाद से दोनों नेता दर्जन भर अंतर्राष्ट्रीय बैठकों में मिल चुके हैं। लेकिन यह इनके बीच दिल से दिल तक की बातचीत का अनौपचारिक शिखर सम्मेलन होगा। इस दौरान किसी समझौते पर हस्ताक्षर नहीं होंगे और न ही कोई साझा बयान जारी किया जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि यह शिखर सम्मेलन मुद्दों को सुलझाने पर सहमति बनाने का प्रयास है जो कि किसी समझौते की घोषणा के बजाए बाद की कार्रवाई पर होगा। दोनों नेताओं के बीच इस तरह का संवाद पहली बार हो रहा है।
चौथी बार चीन यात्रा पर मोदी
वर्ष 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी की यह चौथी चीन यात्रा होगी। वह 9 और 10 जून को क्विंगदाओ शहर में होने जा रहे एससीओ शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने चीन जा सकते हैं। डोकलाम विवाद के कारण दोनों देशों के संबंधों में आई खटास को दूर करने के लिये हाल के समय में दोनों पक्षों ने कई कदम उठाए हैं। इस दिशा में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने चीन की यात्रा की थी।
मोदी-शी की मुलाकात से सैन्य संबंधों पर भी पड़ेगा असर
पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ( पीएलए ) ने कहा कि मोदी और शी के बीच दो दिवसीय अनौपचारिक शिखर सम्मेलन दोनों सेनाओं के बीच संबंधों को स्थिर बना सकता है, सीमाओं पर शांति बनाए रखने में मदद कर सकता है और मतभेदों को सुलझा सकता है। चीनी सेना के प्रवक्ता कर्नल वु किआन ने बीजिंग में मीडिया से कहा कि दोनों तरफ के लोग चाहते हैं कि चीनी और भारतीय सशस्त्र बलों के बीच संबंधों में स्थिरता आए और सीमाओं पर शांति कायम रहे।