बंगलुरु, दलित नेता और गुजरात के वडगाम से निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी ने भाजपा और आरएसएस के खिलाफ एक बार फिर मोर्चा खोल दिया है। मेवाणी ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले सभी गैर भाजपाई पार्टियों से एकजुट होने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि वह राज्य में भाजपा को 20 वोट भी नहीं मिलने देंगे।
राजनीतिक पार्टियों हों एकजुट
बेंगलुरू में पत्रकार गौरी लंकेश की जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में दलित नेता ने कहा कि राज्य में चड्ढीधारियों को हराने के लिए मुख्य राजनीतिक पार्टियों एकजुट हों। लोकतंत्र की रक्षा के लिए हम अपनी वैचारिक शुद्धता में नहीं फंस सकते। हमें इन ताकतों को हराने के लिए अन्य समान विचारधारा वाले समूहों के साथ आना होगा। मेवाणी ने कहा कि वह अप्रैल में दो सप्ताह के लिए कर्नाटक में रहेंगे और सूबे के बीस फीसदी दलितों से कहेंगे कि भाजपा को अपना वोट ना दें।
BJP के खिलाफ दलितों का एकीकरण कर रहे मेवाणी
बता दें कि गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान मेवाणी भाजपा पर दलित मुद्दे को लेकर हमलावर रहे थे। वहीं अब वह देश भर में घूम-घूमकर भाजपा के खिलाफ दलितों के एकीकरण की कोशिश कर रहे हैं। कर्नाटक में इस बार की चुनावी ल़ड़ाई सत्तारुढ़ कांग्रेस और भाजपा के बीच है। भाजपा कर्नाटक में जहां सत्ता में वापसी की कोशिश कर रही है वहीं कांग्रेस के लिए इस राज्य को बचाए रखना ज्यादा अहम है।