छत्तसीगढ़ के सुकमा में 25 सीआरपीएफ जवानों पर हुए नक्सली हमले के पीछे कुख्यात नक्सली नेता हिडमा का हाथ बताया जा रहा है। खबर के मानें नक्सली कमांडर हिडमा ने करीब 300 नक्सलियों के साथ मिलकर इस हमले को अंजाम दिया। सीआरपीएफ पोजीशन लेकर बैठी थी कि तभी अचानक फायर किया गया। सूत्रों के अनुसार नक्सली संगठन, पीपुल्स लिबरेशन ऑफ गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) ने इस हमले को अंजाम दिया है।
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने सुकमा नक्सली हमले में शहीद हुए 25 जवानों को श्रद्धांजलि देने के बाद मीडिया से बातचीत की
राजनाथ ने कहा, ‘हमले को चुनौती के रूप में ले रहे हैं। जवानों का बलिदान बेकार नहीं जाएगा। नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 8 मई को दिल्ली में अहम बैठक बुलाई गई है। इसमें कई राज्य शामिल होंगे और नक्सलियों के खिलाफ रणनीति पर चर्चा की जाएगी। कड़ी कार्रवाई करने के लिए रणनीति तैयार की जाएगी। केंद्र और राज्य की सरकारें मिलकर इस कार्रवाई को अंजाम देंगी।’
सुकमा नक्सली हमले का कमांडर हिडमा निकला मास्टरमाइंड
कैसे हुआ हुआ हमला? जानें
सीआरपीएफ की 74वीं बटालियन के जवान बुरकापाल में बन रही सड़क के काम में सुरक्षा देने के लिए जा रहे थे। जैसे ही ये जवान चिंतागुफा के करीब पहुंचे एक जबरदस्त धमाका हुआ। धमाके के बाद जवान संभल भी नहीं पाए थे कि उन पर दोनों तरफ से अंधाधुंध गोलीबारी होने लगी। कुछ जवानों ने नक्सलियों पर जवाबी फायरिंग भी की मगर नक्सलियों की तादाद ज्यादा थी और उन्होंने पहले से मोर्चा भी संभाल रखा हुआ था।
बताया जा रहा है कि घात लगाकर किए गए इस हमले में करीब 300 नक्सली शामिल थे, जिन्होंने सीआरपीएफ के 90 जवानों को निशाना बनाया। हमला करने वालों में महिला नक्सलियों की तादाद भी अच्छी-खासी थी। हमले के बाद मची अफरा-तफरी में नक्सलियों ने जवानों की राइफलें भी लूट लीं।
सूत्रों के अनुसार इस हमले को नक्सली कमांडर हिडमा ने अंजाम दिया है। हमले की वजह बुरकापाल में बन रही सड़क को बताया जा रहा है। नक्सली इस सड़क का लगातार विरोध कर रहे थे। उन्हें डर था कि यदि सड़क बन गई, तो सुरक्षा बल सीधे उनके गढ़ तक पहुंच जाएंगे।