बसपा सुप्रीमो मायावती ने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया और उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया गया है। बता दें कि संसद मानसून सत्र में दलित अत्याचार के मुद्दे पर राज्यसभा में ना बोलने देने का आरोप लगाते हुए मायावती ने राज्यसभा से ही इस्तीफे दे दिया था। लेकिन मायावती का इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ था। फिर उन्होंने दूसरी चिट्ठी सभापति कको दी थी जिसके बाद उनका इस्तीफा मंजूर हुआ।
ऐसे में मायावती अब अपना सियासी दांव खेलने रहीं हैं। मायावती ने 23 जुलाई को पार्टी के नेताओं और कोऑर्डिनेटरों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में मायावती अपनी भविष्य की रणनीति का ऐलान करेंगी। इस बैठक में सभी संसद सदस्य, विधायक, कोऑर्डिनेटर और ज़िला अध्यक्ष शामिल होंगे।
मायावती ने बीजेपी राज में दलितों पर अत्याचार का मुद्दा प्रमुखता से उठने की रणनीति बनाई है। मायावती बीजेपी पर केंद्रीय एजेंसी सीबीआई का उनके और उनके परिवार के खिलाफ गलत इस्तेमाल का आरोप पहले ही लगा चुकी हैं। बीएसपी सूत्र बताते हैं कि 2018 में राज्यसभा का कार्यकाल ख़त्म हो जाने के बाद वापस सदन नहीं पहुंच पाने जैसी परिस्थिति ने मायावती को परेशान कर दिया था। उन्होंने सोच समझकर रणनीति के तहत इस्तीफ़ा दिया है और अब पार्टी को मज़बूत करने में जुटेंगी।