हरियाणा : डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम इंसा को कल सीबीआई कोर्ट ने साध्वी बलात्कार समेत डेरा प्रबंधन और पत्रकार की हत्या के मामलों में भी दोषी करार कर दिया है। बाबा राम रहीम को 28 अगस्त को 7 साल के लिए बैकुंठधाम अर्थात जेल भेजा जायेगा। कोर्ट के फैसले के तुरंत बाद ही बाबा के बिगड़ैल भक्तों ने जमकर उत्पात मचाया। जगह-जगह आगजनी ,तोड़फोड़ और भारी हिंसा को अंजाम दिया। सिर्फ हरियाणा में ही अब तक 31 लोग अपनी जान से हाथ धो बैठे हैं और हरियाणा के अस्पताल के मुताबिक मौत का आंकड़ा इससे भी ज्यादा बढ़ने की उम्मीद है।पर हैरत इस बात कि है पूरे काण्ड की साक्षी हरियाणा सरकार और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खटटर सिर्फ मूकदर्शक बने नज़र आये। सरकारी अफसरों के लाख हिदायत देने के बावजूद भी ना ही मनोहर लाल खटटर ने कोई ठोस कदम उठाये और ना ही किसी आला अधिकारियों को उठाने दिए। परिणामस्वरूप हरियाणा समेत कई राज्यों में भारी हिंसा और तनाव का माहौल व्याप्त हो गया है। हरियाणा के मुख्यमंत्री के कुछ ना करने की वजह से करोड़ोंजिसके चलते मनोहर लाल खटटर के गैरजिम्मेदाराना रवैया इख्तियार करने की वजह से कल से ही उनके इस्तीफे की मांग होने लगी थी ,पर देश में प्रजातंत्र से बढ़कर राजतन्त्र हो गया है। इसीलिए तो हरियाणा के लापरवाह सीएम मनोहर लाल खटटर की कुर्सी फिर भी बच गयी जबकि उन्होंने कुछ भी नहीं किया। की संपत्ति जल कर ख़ाक हो गयी ,हज़ारों घर तबाह हो गए और 31 लोग अपनी जान गवां बैठे।
कल हरियाणा में हुई आग की लपटें दिल्ली तक भी पहुंची जिसकी वजह से आज सुबह ही बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, अनिल जैन और कैलाश विजयवर्गीय के बीच हरियाणा के मुद्दे पर आपातकालीन बैठक बुलाई गयी। बैठक के बाद अनिल जैन ने कहा कि मनोहर खट्टर को तलब नहीं किया गया है, ये सभी खबरें गलत हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष को इस मुद्दे पर राजनीति नहीं करनी चाहिए।
आपको बता दें कि वहीं दूसरी तरफ शनिवार को ही हाईकोर्ट ने कानून व्यवस्था को लेकर खट्टर सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि सरकार ने राजनीतिक फायदे के लिए शहर समेत समूचे राज्य को भी जलने दिया। कोर्ट ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि सरकार ने सरेंडर कर दिया है। आपको बता दें कि हाईकोर्ट ने लगातार इस मामले पर नजर बनाई रखी है। कोर्ट लगातार सरकार को निर्देश दे रहा है पर सरकार एक बाबा के आगे बेबस नज़र आयी।