नई दिल्ली:
अरविंद केजरीवाल सरकार के 2 प्रमुख मंत्रियों मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन ने अपने पद से मंगलवार को त्यागपत्र दे दिया. उनके इस्तीफे के बाद कैलाश गहलोत और राजकुमार आनंद को इन दोनों मंत्रियों के विभागों को अतिरिक्त प्रभार के तौर पर सौंपी गई है. मनीष सिसोदिया के प्रमुख विभाग वित्त, PWD, गृह और जल की जिम्मेदारी कैलाश गहलोत को दी गई है. गहलोत के पास पहले से परिवहन मंत्रालय की जिम्मेदारी है. वहीं राजकुमार आनंद को शिक्षा और स्वास्थ्य मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है. मनीष सिसोदिया के 18 विभागों में से वित्त और पीडब्ल्यूडी सहित 8 विभाग कैलाश गहलोत के पास होंगे वहीं अन्य 10 विभाग राजकुमार आनंद को दी गई है.
गहलोत और आनंद दोनों ही अब 14-14 विभागों के मंत्री होंगे. कैलाश गहलोत के पास पहले से 6 विभाग थे जबकि राजकुमार आनंद 4 विभागों के मंत्री थे.
शिक्षा, वित्त सहित कई विभागों के मंत्री थे सिसोदिया
सिसोदिया के पास शिक्षा, लोक निर्माण, वित्त, आबकारी, ऊर्जा, जल, स्वास्थ्य जैसे सबसे अहम विभाग थे. वहीं, सत्येंद्र जैन 9 महीने से तिहाड़ जेल में हैं. जैन पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है. सिसोदिया अपने विभागों के साथ ही सत्येंद्र जैन के विभागों का काम भी देख रहे थे. बता दें, आबकारी नीति में पूछताछ के बाद सीबीआई ने सिसोदिया को रविवार को गिरफ्तार कर लिया था. बाद में CBI कोर्ट ने उनको 4 मार्च तक रिमांड पर भेज दिया है.
मनीष सिसोदिया ने लिखा 3 पन्ने का इस्तीफा पत्र
सीएम अरविंद केजरीवाल को भेजे अपने इस्तीफे के पत्र में सिसोदिया ने लिखा है, “मैं इसे अपना बहुत बड़ा सौभाग्य समझता हूं कि मुझे आपके नेतृत्व में आठ साल पर दिल्ली सरकार के मंत्री के तौर पर काम करने का मौका मिला है. दिल्ली के लोग इस बात को अच्छी तरह से जानते हैं कि इन वर्षों के दौरान एक मंत्री के तौर पर मैंने अपने काम को पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ किया है. यह बेहद दुखद है कि ईमानदारी और निष्ठा के साथ काम करने के बावजूद मेरे ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जा रहे हैं. ये आरोप कायर और कमजोर लोगों की साजिश से ज्यादा कुछ नहीं है. इनका निशाना मैं नहीं हूं इनका निशाना अरविंद केजरीवाल हैं. झूठे और बेबुनियाद आरोपों के तहत अब मुझे जेल में डाल दिया है तो चाहता हूं अब मैं मंत्री पद पर ना रहा हूंफिलहाल इस पत्र के जरिये मैं अपना त्यागपत्र आपको प्रस्तुत कर रहा हूं. आपके आग्रह है कि मेरा त्यागपत्र स्वीकार करके मुझे मंत्री पद की जिम्मेदारियों से मुक्त करें”