2008 मालेगांव विस्फोट के मामले में आरोपी मेजर रमेश उपाध्याय को बॉम्बे हाईकोर्ट ने जमानत दी है। मालेगांव ब्लास्ट में आरोपी रमेश उपाध्याय से पहले सुप्रीम कोर्ट ने कर्नल पुरोहित को जमानत दी थी। जबकि NIA ने सुधाकर द्विवेदी और सुधाकर चतुर्वेदी को 19 सितम्बर को जमानत दे दी थी। इस ब्लास्ट में 7 लोगों की जान गई थी।
कर्नल पुरोहित को मिली थी जमानत-
न्यायमूर्ति आर.के. अग्रवाल व न्यायमूर्ति अभय मनोहर सप्रे की पीठ ने आदेश को सुरक्षित रखा था। श्रीकांत पुरोहित ने अदालत से कहा था कि वह बीते नौ सालों से जेल में हैं और वह जमानत पाने का हकदार है। इस मामले ने पुरोहित ‘अभिनव भारत’ के मीटिंग में जाने की बात स्वीकारते हैं। लेकिन उन्होंने कहा था कि वो सेना की तरफ से जासूसी करने के लिए वहां गए थे।
मालेगांव ब्लास्ट में अपने शामिल होने से इनकार करते हुए पुरोहित ने अदालत में बड़ी बात कही थी।पुरोहित ने कहा कि अगर यह मान भी लिया जाए कि उस पर लगाया गया बम की आपूर्ति करने का आरोप सही है। तो भी उसे जेल से बाहर होना चाहिए क्योंकि इस अपराध की भी अधिकतम सजा सात साल है, जो वह पहले ही काट चुके हैं। 2008 में हुए बम विस्फोट में छह लोग मारे गए थे। कर्नल पुरोहित को इस बम ब्लास्ट का आरोपी बताया गया था। पुरोहित पर बम सप्लाई करने का आरोप था। कर्नल पुरोहित पिछले 9 साल से जेल में बंद थे।