नई दिल्ली, वीवीआईपी हेलिकॉप्टर अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले मामले में भारत को तगड़ा झटका लगा है. इटली की मिलान कोर्ट में अगस्ता वेस्टलैंड और फिनमैकनिका के पूर्व चीफ गिसेपी ओरसी, बिचौलिए क्रिश्चन मिशेल, अगस्ता वेस्टलैंड के पूर्व शीर्ष अधिकारियों गियूसेपे ओरसी और ब्रूनो स्पेगनोलिनी समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया है. मामले में फिनमैकनिका के पूर्व प्रमुख गिसेपी ओरसी पर इस डील में घूस देने के आरोप लगे थे.
इटली की समाचार एजेंसी ANSA के मुताबिक मामले में अदालत ने कहा कि इस बात के कोई सबूत नहीं हैं, जिनसे यह साबित हो सके कि 3600 करोड़ रुपये के वीवीआईपी हेलिकॉप्टर डील में भ्रष्टाचार हुआ था. इटली की अदालत ने भारत के नुकसान होने के आरोप को भी दरकिनार कर दिया है. मालूम हो कि भारत ने इस डील में नुकसान होने की बात कही थी.
अगस्ता वेस्टलैंड मामले पर मिलान अदालत के इस फैसले से भारत में सीबीआई का केस कमजोर हो सकता है. सीबीआई इस डील के सिलसिले में पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी समेत कई आरोपियों के खिलाफ जांच कर रही है.
मिलान कोर्ट में सिविल पार्टी के तौर पर शामिल हुई थी सीबीआई
वहीं, सीबीआई ने इंडिया टुडे से कहा कि मिलान कोर्ट में भारत एक सिविल पार्टी के तौर पर शामिल हुआ था. इस फैसले का भारत में चल रही, उसकी जांच पर कोई असर नहीं पड़ेगा. सीबीआई का दावा है कि उसके पास इस केस में पर्याप्त सबूत हैं. मामले में एक बिचौलिए क्रिश्चन मिशेल ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा, ”मैं शुरू से कह रहा था कि इस मामले में कोई राजनीतिक भ्रष्टाचार नहीं हुआ था. अब भारत सरकार को इस मामले में स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए.”
सोमवार को आए इटली की अदालत के फैसले में इस केस में आरोपी रहे मिशेल और हश्के समेत तीनों बिचौलियों को भी बरी कर दिया गया है. हालांकि भारत में ये दोनों आरोपी वांछित हैं.
इटली की अदालत के फैसले का भारत में चल रहे केस पर असर
माना जा रहा है कि इसी केस के एक आरोपी और भारत की वायुसेना के पूर्व प्रमुख एसपी त्यागी मिलान कोर्ट के इस फैसले का इस्तेमाल अपने हक में कर सकते हैं. इसके अलावा कांग्रेस भी आने वाले दिनों में केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी पर हमलावर हो सकती है. 2जी केस के फैसले के बाद वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले में भी कोर्ट ने पर्याप्त सबूत न होने का हवाला दिया है. ये दोनों ‘घोटाले’ यूपीए के शासनकाल में ही हुए थे.
मामले की अपील का विकल्प खुला
अब इस केस में इतावली अभियोजकों के पास फिर से अपील करने का अधिकार है, लेकिन अभी इटली के अधिकारियों की ओर से इस मामले में कुछ नहीं कहा गया है. 672 मिलियन डॉलर की इस डील में भारत सरकार ने 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टर खरीदे थे, जिसमें फिनमैकनिका के पूर्व प्रमुख गिसेपी ओरसी पर इस डील में घूस देने के आरोप लगे थे. अगस्ता वेस्टलैंड के पूर्व प्रमुख ब्रूनो स्पैगनोलिनी को भी इस केस में बरी कर दिया गया है.
इससे पहले दिसंबर 2016 में सुप्रीम कोर्ट ऑफ कसेशन ने फिर से सुनवाई का आदेश दिया था. पुराने फैसले में ओरसी को साढ़े चार साल और ब्रूनो को चार साल की सजा सुनाई गई थी. इन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भ्रष्टाचार करने और फर्जीवाड़े के मामले में सजा सुनाई गई थी.
क्या था मामला
साल 2010 में 3600 करोड़ रुपये में 12 वीवीआईपी अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर खरीदने का सौदा हुआ था. आरोप है कि इस सौदे को हासिल करने के लिए अगस्ता वेस्टलैंड ने भारतीय अधिकारियों को 423 करोड़ रुपये की घूस दी थी. इटली की निचली अदालत ने मामले में साल 2016 में आरोपियों को दोषी ठहराया था. मामले में ओरसी को साढ़े चार साल और ब्रूनो को चार साल की सजा सुनाई गई थी. इसके बाद इससे पहले इटली की सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ दोबारा से सुनवाई करने का आदेश दिया था. अब इटली की मिलान कोर्ट ने मामले के सभी आरोपियों को बरी कर दिया है.