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अलीगढ़: यू.पी. बोर्ड परीक्षा में नकल रोकने के लिए की जा रही छापे मार कार्यवाही के चलते जहां परीक्षार्थी परीक्षा छोड़कर भाग रहे हैं वहीं नकल माफिया अब भी हावी हैं. अलीगढ़ की अतरौली तहसील के एसडीएम और सीओ ने सटीक सूचना मिलने पर तेबतू के बोहरे किशन लाल शर्मा इंटर कालेज के प्रबंधक के आवास पर छापा मारा. जहां 12वीं (इंटरमीडिएट) की रसायन विज्ञान की परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाएं बाहरी लोगों द्वारा लिखी जा रही थीं. जानकारी के मुताबिक पुलिस ने कॉलेज से तीन छात्राओं समेत करीब पांच दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया है.

कल्याण सिंह का इलाका है नकल के लिए मशहूर
आपको बता दें कि राजस्थान के राज्यपाल और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह और प्रदेश के शिक्षा राज्य मंत्री संदीप सिंह का गृह क्षेत्र नकल के मामले में अतरौलिया बोर्ड के नाम से मशहूर है. लेकिन, इस बार प्रदेश में योगी सरकार आने के साथ ही स्पष्ट कर दिया गया था कि नकल माफियाओं के खिलाफ चाबुक चलेगा और इस बार वही होता नजर आ रहा है.

इंटर कॉलेज पर मारा गया छापा
इसी कड़ी में पिछले कई दिनों से अतरौली के एसडीएम शिव कुमार और सीओ सुरेश कुमार मलिक को स्कूल प्रबंधक के आवास पर बोर्ड परीक्षा की कापियां लिखे जाने की शिकायतें मिल रही थीं. इस सटीक सूचना पर गुरुवार शाम की पारी में एसडीएम और सीओ ने पुलिस को लेकर बाइकों द्वारा बोहरे किशनलाल शर्मा इंटर कॉलेज तेबतू के मैनेजर शिवकुमार शर्मा के आवास पर छापा मारा.

 

छापे में पकड़ा गया नकल माफिया
छापे के वक्त इंटर की रसायन विज्ञान की परीक्षा चल रही थी और मैनेजर के घर पर करीब 61 बाहरी लोग कापियां लिख रहे थे, इनमें अधेड़ लोग भी शामिल थे. छापे को देखकर इन लोगों ने भागने की कोशिश की. लेकिन, पुलिसकर्मियों ने राइफल दिखाकर इन्हें गिरफ्तार कर लिया. लेकिन, स्कूल मैनेजर मौके से भाग गया. वहीं एक नामचीन नकल माफिया रामकुमार शर्मा को मौके से गिरफ्तार किया गया है.

लड़कियों से भरवाया गया बॉन्ड
आरोपी का बड़ा भाई जिला विद्यालय निरीक्षक के कार्यालय में तैनात है जो बोर्ड परीक्षा का ही कार्य देख रहा है. मौके पर आरोपियों में शामिल मिली तीन लड़कियों को बॉन्ड भरवाकर छोड़ दिया गया है. इन गिरफ्तार लोगों को गाड़ी में भरकर थाना अतरौली ले जाया गया. जहां सभी के खिलाफ सुसंगत धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर कार्यवाही की गई.

3 हजार रुपयों में हो रही थी नकल
गौरतलब है कि इस स्कूल के खिलाफ सामूहिक नकल को लेकर वर्ष 2015 में भी रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी और सेंटर को डिवार घोषित कर दिया गया था. लेकिन, इस बार मैनेजर ने सांठ-गांठ करके स्कूल को पुनः परीक्षा सेंटर घोषित करा लिया. आपको बता दें कि नकल के नाम पर 3000 रुपये प्रति कॉपी के हिसाब से परीक्षार्थी से वसूले जाते हैं.

 

थाने के सामने लगी भारी भीड़
नकल माफियाओं पर इस छापे की कार्रवाई के बाद इलाके में हड़कंप मच गया. कई लोगों की गिरफ्तारी की सूचना मिलते ही और इस तरह के नकल पकड़े जाने से अतरौली थाने पर लोगों की भीड़ लग गई. स्कूल प्रबंधक पर आरोप है कि उसने तीन हजार रुपये लेकर नकल कराने की पूरी व्यवस्था की थी.

सेंटर की परीक्षा हुई निरस्त
इस मामले में डीआईओएस धर्मेंद्र शर्मा के अनुसार कॉलेज में नकल के लिए बोर्ड परीक्षा की पुरानी कॉपियों का प्रयोग किया जा रहा था. सेंटर की परीक्षा निरस्त कर दी गई है. डीआईओएस धर्मेंद शर्मा ने बताया कि अतरौली क्षेत्र में साढ़े तीन सौ परीक्षा केन्द्र हैं और अलीगढ़ में करीब 60 हजार लोगों ने परीक्षा छोड़ दी है. अतरौली नकल का पुराना गढ़ रहा है. इस बार सरकार की सख्ती के चलते लोगों में भय है. सीसीटीवी कैमरे लगाने का असर हुआ है. डीआईओएस ने बताया कि पैसा मांग कर पेपर साल्व कराना और परीक्षा की शुचिता भंग करने के मामले में कार्रवाई की जा रही है.