लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के रतन स्क्वायर स्थित पासपोर्ट सेवा केंद्र में एक महिला ने पासपोर्ट अधीक्षक पर धर्म के नाम पर अपमानित करने का आरोप लगाया है। उन्होंने इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को भी ट्वीट किया है। इस मामले में आरोपी पासपोर्ट अधीक्षक विकास मिश्र का ट्रांसफर कर दिया गया है।
जानकारी मुताबिक राजधानी निवासी तन्वी सेठ ने 12 साल पहले अनस सिद्दीकी से लव मैरिज की थी। उनकी 6 साल की बच्ची भी है। तन्वी का दावा है कि बुधवार को वे तीनों पासपोर्ट सेवा केंद्र में पासपोर्ट बनवाने गए। शुरुआती 2 काउंटरों (ए और बी ) पर उनके आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो गई, लेकिन जब वह तीसरे काउंटर पर पासपोर्ट अधीक्षक विकास मिश्र के पास गईं तो वह उनके धर्म को लेकर अपमानित करने लगे।
आरोप है कि विकास ने अपमानित करते हुए अनस को धर्म परिवर्तन करने की सलाह दे डाली। तन्वी और अनस ने इसका विरोध किया। नोएडा में बहुराष्ट्रीय कम्पनी में कंप्यूटर इंजिनियर अनस ने अधीक्षक की कार्यप्रणाली पर ऐतराज जताया। बाद में एपीओ विजय द्विवेदी ने विभाग की ओर से माफी मांगते हुए उनसे लिखित शिकायत मांगी। अधीक्षक के बर्ताव से आहत तन्वी ने बताया कि उन्होंने पूरे प्रकरण को लेकर पीएमओ और विदेश मंत्री से गुहार लगाई है।
महिला का कहना है कि उसने कभी नहीं सोचा था कि पासपोर्ट ऑफिस में ऐसे व्यक्ति काम कर रहे होंगे जो मोरल पुलिसिंग करते हैं। तन्वी ने कहा कि अधिकारी ने न सिर्फ मुझे पासपोर्ट नहीं दिया, बल्कि पति का भी पासपोर्ट रोक दिया। उसका कहना है कि यह मेरा खुद का फैसला है कि मैं शादी के बाद कौन सा नाम रखूं।महिला ने यह भी कहा कि शादी के पिछले 12 साल में उन्हें कभी इतना अपमानित महसूस नहीं हुआ जितना आज हो रहा है।