छोटी उम्र यानी कि किशोरावस्था वह समय होता हैं जब शरीर के हार्मोन्स में सबसे अधिक बदलाव होता हैं. इसी समय वह यौन गतिविधियों में रूचि लेना शुरू कर देता हैं. इसी के चलते कई किशोर असुरक्षित यौन सम्बन्ध कर बैठते हैं. लेकिन कामुकता के चलते यह किशोर किशोरियां इसके पिछे छिपे खतरे को भूल जाते हैं.
असुरक्षित यौन सम्बन्ध के दौरान सबसे बड़ा खतरा सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शंस (एसटीआई) होने का रहता है. एसटीआई में सूजाक, सिफलिस, क्लैमाइडिया, एचआईवी या दूसरे संक्रमण वाली बीमारियां शामिल हैं. सिर्फ शारीरिक ही नहीं कई किशोर सेक्स के बाद मानसिक रूप से भी डिस्टर्ब रहते हैं.
इस विषय को लेकर सियोल के योनसेई विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने एक रीसर्च की. रिसर्च के दौरान कम उम्र में यौन संबंध बनाने वाले 22,381 नाबालिगों से सवालात किए गए. इनमें से करीब 7.4 प्रतिसत किशोर और 7.5 फीसदी किशोरियां एसटीआई से प्रभावित पाए गए. इसमें यह भी सामने आया कि 12वीं कक्षा में पहली बार यौन संबंध बनाने वाले किशोरों की तुलना में सातवीं कक्षा में पहली बार यौन संबंध बनाने वाले किशोर-किशोरियां एसटीआई से तीन गुना ज्यादा प्रभावित हुए.