शिव जी को भोलेनाथ कहा जाता है क्योंकि शिव जी सादगी पसंद ईश्वर है। उन्हें कच्चा फल पसंद है। एक लोटा पानी से भी शिव जी खुश हो जाते हैं। खासतौर से यदि आप अपनी जिंदगी से निराश या हताश हैं, तो आपको शिव जी की पूजा जरूर करनी चाहिए। लेकिन भोलेनाथ जितनी जल्दी खुश होते हैं, उतनी ही जल्दी वे नाराज भी हो जाते हैं। खासतौर से ऐसे लोगों से, जो बेईमानी और धोखेबाजी करते हैं।
पंडितों के मुताबिक भगवान शिव हर व्यक्ति के मन की बात सुनते हैं। शायद यही वजह है कि आज 21वीं सदी में शिव जी की पूजा सबसे ज्यादा लोग करते हैं। खासतौर से युवाओं के बीच शिव जी काफी प्रचलित हैं। मगर भगवान शिव जी जितनी जल्दी प्रसन्न होते हैं, उनका गुस्सा उससे भी प्रलयकारी होता है।
पंडितों का कहना है कि शिव पुराण में कार्य, बात-व्यवहार और सोच द्वारा किए गए कुछ पाप वर्णित हैं, जिसे भगवान शिव कभी क्षमा नहीं करते हैं। ऐसा व्यक्ति हमेशा ही शिव जी के कोप का भाजन होगा और कभी भी सुखी जीवन व्यतीत नहीं कर सकता है।
आपने सुना होगा कि ऊपरवाले से कुछ छुपा नहीं होता है। यहां तक कि आप अपने दिमाग में जो सोच रहे होते हैं, वह भी भगवान से छुपा नहीं होता है। इसलिए भले ही बात और व्यवहार में आपने किसी को नुकसान ना पहुंचाया हो, यदि मन में किसी के प्रति कोई दुर्भावना है या आपने किसी का अहित सोचा हो, तो यह भी पाप की श्रेणी में आता है।
1.) शादी तोड़ने की काशिश
भगवान शिव को ऐसे लोग बिल्कुल पसंद नहीं हैं, जो अपने रिश्ते में ईमानदारी नहीं रखते हैं। खासतौर से किसी दूसरे की शादीशुदा जिंदगी को तोड़ने की कोशिश करने से भोलेनाथ नाराज होते हैं और इस पाप को माफ नहीं करते हैं। दूसरे के पति या पत्नी पर बुरी नजर रखना या उसे पाने की इच्छा करना भी पाप की श्रेणी में आता है।
2.) अफवाह फैलाना
समाज में किसी के मान-सम्मान को हानि पहुंचाने की नीयत से या उसकी पीठ पीछे बातें करना या अफवाह फैलाना भी एक अक्षम्य पाप है।
3.) गर्भवती महिला को कुवचन
किसी गर्भवती महिला या मासिक के दौरान किसी महिला को कटु-वचन कहना या अपनी बातों से उनका दिल दुखाना, शिव जी की नजरों में यह भी अक्षम्य अपराध और पाप है।
4.) नुकसान पहुंचाने के लिए झूठ बोलना
किसी के सम्मान को हानि पहुंचने की नीयत से झूठ बोलना ‘छल’ की श्रेणी में आता है और अक्षम्य पाप का भागीदार बनाता है।
5.) गलत रास्ता अपनाना
कुछ लोग रास्ता भटक जाते हैं, पर सही निर्देश मिलने पर वापस सही रास्ते पर आ जाते हैं। मगर कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो सही सुझाव मिलने के बावजूद बुराई का साथ नहीं छोड़ते और बुरी राह को खुद चुनते हैं। ऐसे लोगों के पाप क्षमा करने योग्य बिल्कुल भी नहीं हैं।
6.) बुरी सोच
शिव पुराण के मुताबिक जिस प्रकार आप किसी का बुरा नहीं करने के बावजूद, उसके लिए बुरी सोच रखने के कारण भी पाप के हकदार और दंड की श्रेणी में आ जाते हैं, उसी प्रकार भले ही आपने अपने कार्य से किसी का बुरा ना किया हो, मगर आपकी बोली आपकों अक्षम्य पापों का हकदार भी बना सकती है।
7.) पैसों की धोखेबाजी
दूसरों का धन अपना बनाने की चाह रखना, पैसों की हेराफेरी करना और धन-संपत्ति लूटना भी पाप की श्रेणी में आता है। भगवान शिव इसे अक्षम्य अपराध मानते हैं।
8.) कष्ट देना
किसी भोलेभाले और निरपराध इंसान को कष्ट देना, उसे नुकसान पहुंचाना या उसके लिए बाधाएं पैदा करने की योजना बनाना या ऐसी सोच रखना भगवान शिव की नजरों में हर हाल में माफी ना देने योग्य पाप है।