राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे आ चुके हैं। एनडीए प्रत्याशी रामनाथ कोविंद देश के 14वें राष्ट्रपति बनेंगे। उन्होंने मीरा कुमार को हराया है। कोविंद ने राष्ट्रपति चुनाव में कुल 10,90,300 में से 7,02,044 मत प्राप्त किए हैं। वहीं उनकी प्रतिद्वंद्वी मीरा कुमार को 3,67,314 मिले। इस हिसाब से निर्वाचित उम्मीदवार को 65.65 फीसदी मत मिले। मगर विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार ने भी इस दौरान एक उपलब्धि अपने नाम की है। इस चुनाव में वे जीत भले ही न सकी हो मगर उन्होंने पिछले 50 साल पुराना एक रिकॉर्ड तोड़ा है। दरअसल मीरा कुमार ने अब तक के हारने वाले उम्मीदवारों में सबसे ज्यादा वोट पाएं हैं।
पूर्व चीफ जस्टिस सुब्बाराव के पास था यह रिकॉर्ड-
मीरा कुमार से पहले यह उपलब्धि पूर्व चीफ जस्टिस कोका सुब्बाराव ने हासिल की थी। जस्टिस राव ने 1976 में राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए ज्यूडिसरी से इस्तीफा दे दिया था। उस समय उन्हें पूर्व राष्ट्रपति जाकिर हुसैन ने शिकस्त दी थी, मगर हार के बावजूद उन्होंने यह रिकॉर्ड बना लिया था। पूर्व चीफ जस्टिस राव ने उस समय 3.63 लाख वोट हासिल किए थे। उस समय उनका वोट प्रतिशत 43 था, जबकि पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार का वोट प्रतिशत उनसे लगभग 10% कम 34 फीसदी है। विपक्ष ने हालांकि कोविंद की जीत के बाद बीजेपी कों उसके दाव पर घेरने की कोशिश की भी कोशिश की। बीजेपी ने कहा था कि कोविंद करीब 70% वोट हासिल करेंगे, जबिक विपक्ष के मुताबिक उन्हें 66 फीसदी वोट ही मिले।
पूर्व लोकसभा अध्यक्ष ने दी कोविंद को बधाई-
पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने नए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को जीत की बधाई दी। उन्होंने कहा कि ये लड़ाई आगे भी जारी रहेगी। वोटिंग और वोटों की गिनती के दौरान मीरा कुमार ने कहा कि उन्होंने ये लड़ाई विचारधारा पर लड़ी है। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रामनाथ कोविंद को जीत की बधाई देते हुए कहा, राष्ट्रपति एक अहम पद है। इस महत्वपूर्ण पद पर बैठा व्यक्ति संविधान का रक्षक, लोकतांत्रिक मूल्यों का पालक और सशस्त्र सेनाओं का सुप्रीम कमांडर होता है। राष्ट्रपति संविधान की मान्यताओं का रखवाला होता है।