नई दिल्लीः अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आयुष्मान भारत योजना के तहत स्वास्थ्य के क्षेत्र में 2 महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। आम बजट 2018-19 पेश करते हुए उन्होंने कहा कि इस योजना का उद्देश्य स्वास्थ्य से जुड़ी चुनौतियों से निपटना है। इसके तहत प्राथमिक, द्वितीय और तृतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य को बेहतर बनाने पर ध्यान दिया जाएगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि नैशनल हेल्थ प्रॉटेक्शन स्कीम जिसे मोदी केयर भी कहा जा रहा है, ट्रस्ट मॉडल या इंश्योरेंस मॉडल पर काम करेगा। उन्होंने रीईंबर्स मॉडल की संभावना को यह कहते हुए खारिज कर दी कि इसमें बहुत गड़बड़ियां होती हैं। यानी, योजना का लाभ उठाने वाले गरीब मरीजों का इंश्योरेंस किया जाएगा और उनका कैशलेस इलाज किया जाएगा। पहले खुद के खर्चे से इलाज करवाकर सरकार से पांच लाख रुपए तक की रकम वापस पाने का झंझट नहीं होगा।
आयुष्मान भारत’ के तहत दो स्कीमें
1. नैशनल हेल्थ प्रॉटेक्शन स्कीम के तहत देश के 10 करोड़ गरीब परिवारों को सालाना 5 लाख रुपए तक का हेल्थ इंश्योरेंस कवर मुहैया कराना। जेटली ने कहा कि इससे कम-से-कम 50 करोड़ लोगों को फायदा मिलेगा।
2. हेल्थ और वेलनेस सेंटर
देशभर में डेढ़ लाख से ज्यादा हेल्थ और वेलनेस सेंटर खोलना, जो जरूरी दवाएं और जांच सेवाएं फ्री में मुहैया कराएंगे। इन सेंटरों में गैर-संक्रामक बीमारियों और जच्चा-बच्चा की देखभाल भी होगी। इतना ही नहीं, इन सेंटरों में इलाज के साथ-साथ जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों, मसलन हाई ब्लड प्रेशर, डाइबिटीज और टेंशन पर नियंत्रण के लिए विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
1 अप्रैल से होगी लागू
ओपन हाउस में जेटली ने कहा कि नई योजना नए वित्त वर्ष के आगाज यानी 1 अप्रैल 2018 से लागू होगी। यानी, गरीब परिवारों के लोग 1 अप्रैल से 5 लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त में करवा सकेंगे।
यहां होगा मरीजों का इलाज
वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि योजना के तहत गरीब परिवार न केवल सरकारी बल्कि प्राइवेट अस्पतालों में भी इलाज करवा सकेगा। उन्होंने कहा कि चुनिंदा अस्पतालों में लोग कैशलेस इलाज करवा कर इस योजना का लाभ उठा सकेंगे।
टी.बी. के मरीजों को 500 रुपए महीना
बजट में इस बार टी.बी. के मरीजों पर विशेष ध्यान दिया गया है। सरकार ने टी.बी. के मरीजों के पोषणहार के लिए अतिरिक्त 600 करोड़ रुपए का आबंटन किया है। इतना ही नहीं टी.बी. के मरीजों को उनके उपचार की अवधि के दौरान हर महीने 500 रुपए भी दिए जाएंगे।
जल्दी ही देश की बची आबादी आएगी इसके दायरे में
वित्त मंत्री जेटली ने बजट भाषण में स्पष्ट किया कि बाद में इस योजना का विस्तार कर देश की बाकी बची आबादी को भी इसके दायरे में लाया जा सकता है। सरकार ने इसके लिए 2,000 करोड़ रुपए की रकम आवंटित की है। इसने गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों के लिए 2008 में पेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा की जगह ली है जिसमें 30,000 रुपए का सालाना बीमा कवर दिया गया था।