आज आम आदमी पार्टी के बड़े नेता और कवि कुमार विश्वास ने पंजाब चुनाव और दिल्ली के एमसीडी चुनाव में पार्टी को मिली करारी हार पर निशाना साधा है। पार्टी के बड़े नेता और कवि कुमार विश्वास द्वारा ने पार्टी नेतृत्व पर निशाना साधा था।
इस आरोप के बाद अब ‘आप’ नेता संजय सिंह ने बयान में कहा है कि पार्टी को किसी के सलाह की जरूरत नहीं है। अगर किसी को कुछ कहना है तो उन्हें वो बात पार्टी फोरम में रखनी चहिए। हार के बाद एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप से बचना चाहिए।
विश्वास ने कहा कि चुनावों में गलत लोगों को टिकट दिये गये, पंजाब में तो कांग्रेस और अकाली दल के लोगों को ही टिकट दिया गया था. विश्वास ने सर्जिकल स्ट्राइक के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने के फैसले को भी गलत बताया।
संजय सिंह ने कुमार विश्वास के बयान पर बोलते हुए कहा कि हमें कार्यकर्ताओं को यह संदेश नहीं देना चाहिए कि हम हमेशा लड़ते ही रहते हैं।
कुमार विश्वास ने कहा “हम ईवीएम को दोष नहीं दे सकते हैं। यह मुख्य मुद्दा नहीं है। सबसे बड़ी बात अविश्वास है। आम आदमी पार्टी को समीक्षा की जरूरत है। पार्टी में कुछ ही लोग फैसला ले लेते हैं।”
दिल्ली एमसीडी चुनावों पर विश्वास बोले कि गोपाल राय को दिल्ली का इनचार्ज बनाया गया था, लेकिन उनके साथ चुनाव के मुद्दे पर कोई बातचीत नहीं की गई थी। बस पीएसी के दौरान कुछ निर्देश दिये गये थे। विश्वास ने कहा कि पार्टी में बदलाव की जरूरत है, पार्टी अपनी गलती के कारण ही एमसीडी चुनाव हारी है।
विश्वास ने कहा,’गोवा और पंजाब में मिली हार के बाद से अरविंद केजरीवाल ईवीएम पर दोष मढ़ रहे हैं लेकिन जब दिल्ली नगर निगम चुनाव चुनाव में भी आम आदमी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा तो पार्टी के सांसद भगवंत मान ने साफ कहा कि ईवीएम में गड़बड़ी की बात गलत है।’
पार्टी नेतृत्व में बदलाव के सवाल पर कुमार विश्वास ने कहा कि इस बारे में हम पार्टी मीटिंग में फैसला करेंगे। संजय सिंह, दुर्गेश पाठक का इस्तीफा देना बहुत देरी से लिया गया एक्शन था। विश्वास ने कहा कि हम लोग जंतर-मंतर पर कांग्रेस, मोदी या ईवीएम के खिलाफ लड़ाई लड़ने के कारण नहीं बैठे थे।
एमसीडी चुनाव में आप की हार के बाद कई पार्टी नेताओं ने इस्तीफा दिया है, इस्तीफा देने वालों में संजय सिंह, दुर्गेश पाठक, दिलीप पांडेय, अलका लांबा शामिल थे।
आपको बता दें कि अरविंद केजरीवाल जबसे दिल्ली के सीएम बने हैं वह लगातार प्रधानमंत्री मोदी पर हमला कर रहे हैं यहां तक कि पिछले साल सितंबर में पाकिस्तान में घुसकर की गई सर्जिकल स्ट्राइक पर सबूत भी मांग लिए थे।