नई दिल्ली, राज्यसभा सीट को लेकर आम आदमी पार्टी में चल रही खींचतान अब बढ़ती जा रही है. दिल्ली सरकार की तरफ से लाल किले पर आयोजित होने वाले कवि सम्मेलन में कवि और नेता कुमार विश्वास को न्यौता नहीं दिया गया है. अभी तक विश्वास केजरीवाल सरकार द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में शामिल होते आए हैं.
इस मसले में कुमार विश्वास ने भी तीखा वार किया है. न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, विश्वास ने कहा कि इस बार परिस्थितियां ऐसी है कि सरकार की हिम्मत नहीं है कि उन्हें श्रोता रूप में भी सहन कर सके. सरकार में बैठे लोग उनसे नज़रें चुराने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि लाल किले के कवि-सम्मेलन में निमंत्रण मिलना-न मिलना उनके लिए महत्वपूर्ण विषय नहीं है क्योंकि वो लोगों के दिलों के लाल किले में बसे हुए हैं.
विश्वास बोले कि यह उनके लिए कोई विशेष मुद्दा नहीं है, सरकार के कवि-सम्मेलनों में उनकी कोई रुचि नहीं रही है. लेकिन जब से दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी है, तब से अधिकारी और अकादमी सदस्यों ने उन्हें प्रेमपूर्वक कमोबेश हर कार्यक्रम में अतिथि रूप में बुलाया है.
कुमार ने कहा कि हिन्दी अकादमी के अलावा उर्दू अकादमी, संस्कृत अकादमी, मैथिली-भोजपुरी अकादमी, पंजाबी अकादमी इत्यादि ने भी उन्हें कार्यक्रमों में आमंत्रित किया है. गणतंत्र दिवस के अवसर पर हर वर्ष आयोजित होने वाले प्रतिष्ठित हिन्दी अकादमी कवि-सम्मेलन में वो जाते रहे हैं और श्रोता रूप में पूरे कार्यक्रम में बैठे हैं.
इस मामले में आम आदमी पार्टी नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इस तरह के निमंत्रण की कोई जानकारी नहीं है बाकी ऐसे बहुत से प्लेटफॉर्म हैं जहां एक डेढ़ घंटे के इंटरव्यू आ रहे हैं जो लोग सुनना चाहें वहां उन्हें सुन सकते हैं. लगातार कुमार की ओर से हो रही बयानबाजी पर भारद्वाज ने कहा कि पार्टी के तमाम सदस्य परिवार की तरह हैं. कभी-कभी भाईयों के बीच मनमुटाव हो जाता है.
सौरभ बोले कि कई बार एक आदमी गलत राह पर चला जाता है लेकिन अंदरूनी तौर पर उस मामले को सुलझा लिया जाता है तो अच्छी बात यही होगी कि घर की बात घर मे सुलझ जाए. कुमार को ना बुलाने पर उन्होंने कहा कि इतने सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि सभी लोग वजह जानते हैं. बार-बार एक ही बात बोलने से कोई फर्क नहीं आएगा.
आपको बता दें कि आम आदमी पार्टी की ओर से राज्यसभा में संजय सिंह, एनडी गुप्ता और संजय गुप्ता को भेजा गया है. ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि कुमार विश्वास को टिकट दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
‘सच बोलने की सजा मिली’
राज्य सभा का टिकट नहीं मिलने पर जनवरी 2018 में कुमार विश्वास ने कहा था कि उन्हें सर्जिकल स्ट्राइक, पंजाब में अतिवादियों पर नरम रहने, जेएनयू मामले पर, सैनिकों की शहादत पर सच बोलने का दंड मिला है.
विश्वास ने कहा था, ‘अरविंद ने एक बार मुझसे कहा था कि आपको मारेंगे, पर शहीद नहीं होने देंगे. मैं अपनी शहादत स्वीकार करता हूं, बस एक निवेदन है कि युद्ध का भी एक छोटा सा नियम होता है. शव के साथ छेड़छाड़ नहीं की जाती. शहीद तो कर दिया, पर शव के साथ छेड़छाड़ न करें और दुर्गंध न फैलाएं.’