बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन ने कहा है कि तीन तलाक पर उच्चतम न्यायालय का फैसला खुद ही बोलता है और ‘हम अपने देश के कानून से तर्क नहीं कर सकते।’ बच्चन ने ‘कौन बनेगा करोड़पति’ के संवाददाता सम्मेलन में कहा कि, ‘फैसला खुद ही बोलता है और हम अपने देश के कानून से तर्क नहीं कर सकते।’ उन्होंने कहा कि समाज में महिलाएं जिस तरह से पाबंदियों का सामना करती हैं, यह देखकर उन्हें बहुत दुख होता है।
उन्होंने आगे कहा कि ‘लड़कियों को शिक्षित होने से रोक दिया जाता है क्योंकि उसका विवाह होना है, इसलिए उस पर पैसे क्यों खर्च किये जाएं। मुझे उनके लिए बहुत दुख होता है। वे बाहर आकर और मेरे सामने (केबीसी के लिए) हॉट सीट पर बैठने के लिए वर्षों से प्रचलित सामाजिक नियमों को तोड़ती हैं। वे उसमें सफल होती हैं, जिसका सपना उन्होंने अपने लिए देखा होता है जो बहुत ही प्रेरक होता है।’
गौरतलब है कि ट्रिपल तलाक की वर्षों पुरानी प्रथा को सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को असंवैधानिक करार दिया था। इस मामले पर पांच जजों की संवैधानिक पीठ में से तीन जजों ने इसे असंवैधानिक बताया था। चीफ जस्टिस जेएस खेहर और जस्टिस अब्दुल नजीर ने अपने फैसले में ट्रिपल तलाक पर छह महीने के लिए रोक लगाई थी और कहा था कि सरकार इस पर कानून बनाए। चीफ जस्टिस खेहर ने कहा है कि सरकार इस पर छह महीने के अंदर कानून लेकर आए।
इसके बाद केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा था कि अदालत का फैसला अपने आप में काफी है, इस मामले पर नए कानून का सवाल ही नहीं उठता है। फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट इस कुप्रथा ट्रिपल तलाक को अमान्य, असंवैधानिक और गैरकानूनी बताया है। अदालत ने ट्रिपल तलाक को कुरान के बुनियादी सिद्धांतों के खिलाफ बताया है।
सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों के फैसले के आधार पर 9 करोड़ मुस्लिम महिलाओं की जीत हुई है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधिश चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने कहा कि ट्रिपल तलाक मुस्लिम समुदाय का 1000 साल पुराना आंतरिक मामला है. आपको बता दें कि ट्रिपल तलाक पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का कई फिल्मी और राजनीतिक हस्तियों ने स्वागत किया था।