नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का मधुमेह का स्तर बढ़ने के कारण वे दस दिन के प्राकृतिक उपचार के लिए बेंगलुरु गए हैं। उपराज्यपाल के कार्यालय में नौ दिन के धरने के बाद उनके रक्त में शर्करा की मात्रा बढ़ गई थी जिस वजह से उनकी तबीयत खराब हो गई। खराब तबीयत के चलते केजरीवाल इस बार अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के कार्यक्रमों में भाग भी नहीं ले पाए। वहीं योग के कार्यक्रम में केजरीवाल के भाग न लेने पर भाजपा ने उनकी आलोचना की।
दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया कि सरकार ने जानबूझकर कार्यक्रम का ‘बहिष्कार’ किया। उन्होंने कहा कि अगर केजरीवाल स्वस्थ नहीं थे तो वह कार्यक्रम में भाग लेने के लिए उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया या अपने किसी मंत्री को भेज सकते थे। केजरीवाल ने पिछले साल उपराज्यपाल अनिल बैजल और तत्कालीन केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू के साथ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के कार्यक्रम में भाग लिया था।