कानपुर का हैलट अस्पताल एक बार फिर से विवादों में है। हैलट के डॉक्टरों की संवेदनहीनता फिर उजागर हुई है। इससे पहले भी कई मामले हैलट अस्पताल के आ चुके हैं। मगर प्रशासन के कान पर जूं तक नहीं रेंग रहा है।
नातिन का इलाज कराने आई महिला, डॉक्टर ने किया मना-
हॉस्पिटल में नातिन का इलाज कराने आई वृद्ध महिला भटक रही है। बाल रोग विभाग के सामने 2 दिन से वह इंतजार कर रही है.बच्ची को भर्ती करने को लेकर वह बार-बार डॉक्टरों से सिफारिश कर रही है। मगर उसकी कोई सुनने वाला नहीं है, अस्पताल के बाहर महिला दो दिन से बैठी हुई है। अपनी नातिन के इलाज के लिए चक्कर काट रही है। महिला का कहना है कि डॉक्टर कहते हैं कि अगर पैसे नहीं है तो इलाज नहीं होगा।
हैलेट अस्पताल में अव्यवस्था पहले भी दिखी है-
भले ही हैलट हॉस्पिटल परिसर में करोड़ों रुपये खर्च करके बनाये गए पोस्टमार्टम हाउस में बदहाली का आलम इस कदर है कि बरसात के पानी में यहां लाशें तैरती नजर आयीं। यहां लाशें खुले में रखी हैं लेकिन यहां न फ्रीजर है ना ताबूत। इतना ही नहीं नशेबाजी और गलत कामों का अड्डा भी पोस्टमार्टम हाउस बन चुका। कानपुर में सीएम अखिलेश के ड्रीम प्रॉजेक्ट के आधुनिक पोस्टमार्टम हॉउस के सपने को स्वास्थ विभाग ने ग्रहण लगा दिया। यहां चौथे साल में भी पोस्टमार्टम हॉउस शुरू नहीं हुआ था। यहां खुले आसमान के नीचे पड़े रहते हैं। बिल्डिंग बनकर तैयार है मगर फिर भी यहां पोस्टमार्टम टीन शेड में होता है। इस संबंध में सीएमओ कानपुर आरपी यादव ने बताया कि आधुनिक मशीनें अभी उपलब्ध नहीं कराईं गईं हैं। जल्द ही उपकरण उपलब्ध हो जायेंगे और फिर आधुनिक पोस्टमार्टम हॉउस में इनका पीएम किया जा सकेगा। सीएमओ ने बताया कि इसमें लापरवाही की जिम्मेदारी मेरी नहीं है मैंने पत्र ऊपरी स्तर पर भेज दिए थे।