सीनियर एडवोकेट केके वेणुगोपाल भारत के 15वें नए अटॉर्नी जनरल बन गए हैं। इससे पहले अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने अपने कार्यकाल को आगे न बढ़ाने की गुजारिश की थी।
रिपोर्ट्स के अनुसार 86 साल के वेणुगोपाल की नियुक्ति के प्रस्ताव पर पीएम मोदी के विदेश यात्रा से पहले विचार किया गया। हाल ही में लॉ मिनिस्ट्री ने वेणुगोपाल के नाम को रेफर करते हुए फाइल को पीएमओ भेजा था। इस मामले में फैसला होने के बाद राष्ट्रपति अटॉर्नी जनरल की नियुक्ति के लिए वारंट पर साइन करेंगे।
वेणुगोपाल जानेमाने संवैधानिक विशेषज्ञ हैं और उन्हें पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित किया जा चुका है। मोरारजी देसाई सरकार के वक्त वेणुगोपाल अडिशनल सॉलिसिटर जनरल रह चुके हैं। वेणुगोपाल जजों की नियुक्ति के लिए बनाए गए एनजेएसी के पक्ष में मध्यप्रदेश सरकार की ओर से पेश हुए थे।
के के वेणुगोपाल ने मोरारजी देसाई की सरकार के वक्त अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल का पदभार संभाला था। पिछले पचास सालों में उन्होंने कई केस लड़े हैं। 2 जी स्पेट्रम मामले में उन्हें सुप्रीम कोर्ट की मदद के लिए नियुक्त किया गया था। के के वेणुगोपाल बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले के लिए बीजेपी नेता लाल कृष्ण आडवाणी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में थे।