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मुंबई  बॉलीवुड में इनदिनों एक्ट्रेस कंगना रनौत ने परिवारवाद को इंडस्ट्री का मुख्य हिस्सा बता कर नयी जंग छेड़ दी है। कंगना ने पिछले दिनों जब एक टीवी इंटरव्यू में बताया कि इंडस्ट्री में सिर्फ भाई-भतीजावाद चलता है और आज भी उन्हें बाहरी समझा जाता है तो उस बात पर उन्हें कई लोगो से सहनुभूति भी प्रदान की गयी।

कंगना ने जब बताया कि इंडस्ट्री सिर्फ चार खानदान चला रहे हैं तो वो ये भूल गयीं कि अगर सच में इंडस्ट्री में परिवारवाद ही चलता है तो आज आप जो कंगना बन कर इतरा रही हैं वो शायद कभी मुमकिन नहीं होता। अगर यहाँ परिवारवाद ही चलता तो अरबाज खान और सोहेल खान भी सलमान की तरह पॉपुलर हो जाते , अगर ऐसा होता तो अमिताभ बच्चन के बेटे अभिषेक बच्चन भी अपने पिता की तरह ही सुपस्टार हो जाते।अगर यहाँ परिवारवाद ही चलता तो पृथ्वीराज कपूर के बेटे राज कपूर को स्वीपर का काम नहीं करना पड़ता। जी हाँ आपने बिलकुल सच सुना कि राज कपूर साहब को भी अपने स्ट्रगल के दौरान स्वीपर का काम करना पड़ता था।

पृथ्वीराज कपूर का इंडस्ट्री में उस समय इतना रुतबा था कि वो जिसे चाहे हीरो बना दें पर उन्होंने अपने बेटे राज कपूर की कोई मदद नहीं करी। पृथ्वीराज कपूर का मानना था कि अगर मै इस इंडस्ट्री में अपनी जगह खुद बना सकता हूं तो मेरे बेटे भी बना सकते हैं।

इसलिए राज कपूर साहब ने सबसे पहले थियेटर से शुरुआत की जहां पर उन्होंने अदकारी की कई बारीकियां सीखीं। पर पिता ने तो पैसे देने से भी इंकार कर दिया था इसलिए राज साहब ने उसी थियेटर में स्वीपर का भी काम शुरू कर दिया। इसके एवज में उन्हें उतने पैसे मिलते थे जितना बस का किराया होता था। पर राज कपूर अपने कुछ सिक्कों को बचाने लिए कई किलोमीटर पैदल भी चले जाते थे।

पर उनकी मेहनत और लगन उन्हें इतना आगे ले आयी कि बाकि बीती यादें सब पीछे छूट गयीं। आज राज कपूर का नाम कौन नहीं जानता है पर उस नाम को बनाने में ना परिवारवाद काम आया ना ही परिवार का नाम। राज कपूर की तरह ही शम्मी कपूर और शशि कपूर ने भी इंडस्ट्री में हर मुकाम अपने दम पर हासिल किया था। सलीम खान ने भी सलमान का कोई साथ नहीं दिया ,सलमान ने जो स्टारडम हासिल किया सब अपने दम पर किया। कंगना ने बड़ी आसानी से कह दिया कि यहाँ पर बाहर से आये लोगों को आज भी बाहरी ही समझा जाता है। अगर ऐसा है तो अक्षय कुमार को इंडस्ट्री ने कैसे अपना लिया ,आमिर खान को कैसे आज इंडस्ट्री मि. परफेक्शनिस्ट कहती है। सबसे बड़ी बात बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन ने भी बाहर से ही आकर सुपस्टार का खिताब हासिल किया।और तो और आप जो खुद को बाहरी कहती हैं वो आज के टाइम पर बॉलीवुड की सबसे बड़ी एक्ट्रेस कैसे बन गयीं। आखिर कैसे?सच तो ये है कि यहाँ पर कोई भी स्टार अपने बच्चों को लॉन्च तो कर सकता है पर उनकी किस्मत का फैसला तो दर्शकों को ही करना पड़ता है। जनता को कोई फर्क नहीं पड़ता है कि जो फिल्म वो देख रहे हैं उसमे किसका बेटा है उन्हें तो बस अपने पैसे वसूल होने से मतलब है।कंगना समेत पूरी दुनिया को ये बात समझ जानी चाहिए कि सिफारिश आपको मुकाम तो दिला सकती है पर नाम आपको खुद ही बनाना पड़ेगा।