चेन्नईः कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य श्री जयेन्द्र सरस्वती का आज सुबह निधन हो गया। वे 82 वर्ष के थे। सांस लेने में दिक्कत होने की वजह से जयेन्द्र सरस्वती को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, इसी दौरान उनका देहांत हुआ। 18 जुलाई 1935 को जन्मे जयेन्द्र सरस्वती कांची मठ के 69वें शंकराचार्य थे। वे 1954 में शंकराचार्य बने। कांची मठ के द्वारा कई सारे स्कूल, आंखों के अस्पताल चलाए जाते हैं। भाजपा नेता राम माधव ने ट्विटर पर जयेन्द्र सरस्वती के निधन पर दुख जताया और लिखा कि वह सुधारवादी संत थे, उन्होंने समाज के लिए काफी काम किए।
Jagadguru Pujyashri Jayendra Saraswathi Shankaracharya was at the forefront of innumerable community service initiatives. He nurtured institutions which transformed the lives of the poor and downtrodden. pic.twitter.com/s1vTpSxbbl
— Narendra Modi (@narendramodi) February 28, 2018
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जयेंद्र सरस्वती के निधन गहरा शोक व्यक्त किया है। मोदी ने अपने शोक संदेश में कहा कि कांचि कामकोटि पीतम जगदगुरु पूज्यश्री जयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य के निधन से सदमा लगा। वह अपने विचारों और अमूल्य सेवाओं की बदौलत लाखों श्रद्धालुओं के मन-मस्तिष्क में सदैव जीवित रहेंगे। उनकी आत्मा की शांति के लिए भगवान से प्रार्थना। उन्होंने कहा कि जगदगुरू पूज्यश्री जयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य समाज सेवा में सबसे आगे रहे। उन्होंने गरीबों और निचले तबके लोगों के जीवन में सुधार के लिए कई संस्थानें शुरू की।
Deeply anguished by the passing away of Acharya of Sri Kanchi Kamakoti Peetam Jagadguru Pujyashri Jayendra Saraswathi Shankaracharya. He will live on in the hearts and minds of lakhs of devotees due to his exemplary service and noblest thoughts. Om Shanti to the departed soul. pic.twitter.com/pXqDPxS1Ki
— Narendra Modi (@narendramodi) February 28, 2018