रिजर्व बैंक को सशक्त करने के लिए केंद्र सरकार जल्द एक ऐसा अध्यादेश लाने जा रही है। जिससे वह प्रभावी तरीके से बैंकिंग क्षेत्र में बढ़ती नॉन परफॉर्मिंग असेट (एनपीए) की समस्या से निपट सकेगा।
सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में अध्यादेश के जरिये बैंकिंग नियमन कानून की धारा 35 ए में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। धारा 35ए के तहत रिजर्व बैंक को जनहित और जमाकर्ताओं के हित में बैंकों को निर्देश जारी करने का अधिकार होता है। इस संशोधन के बाद रिजर्व बैंक लोन डिफॉल्टर से कर्ज की वसूली के लिए बैंकों को निर्देश जारी कर सकेगा।
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद वित्त मंत्री अरण जेटली का कहना है कि मंत्रिमंडल ने बैंकिंग क्षेत्र के संदर्भ में कुछ महत्वपूर्ण फैसले किए हैं। इस तरह की परंपरा है कि जब किसी प्रस्ताव को राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है तो उसके ब्योरे का खुलासा उस पर मंजूरी से पहले नहीं किया जा सकता है। जेटली ने कहा कि जैसे ही इस पर मंजूरी मिलेगी, इसका ब्योरा साझा किया जाएगा।
बैंकों के फंसे हुए कर्ज के संकट से निपटने के लिए मंत्रिमंडल ने बैंकिंग विनिमयन अधिनियम में संशोधित करने के अध्यादेश को अनुमति दी। अब इस अध्यादेश को राष्ट्रपति की अनुमति मिलनी बाकी है।