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पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्‍बल ने जीडीपी में वृद्धि के सरकार के दावे का मजाक उड़ाते हुए सरकार पर जमकर हमला बोला है। कपिल सिब्‍बल ने कहा कि केंद्र सरकार कहती थी कि सरकार की वृद्धि का मतलब गैस, डीजल और पेट्रोल (जीडीपी) की कीमतों में वृद्धि से था। सिब्बल ने कहा कि लेकिन सरकार को अब महसूस हुआ है कि अर्थव्यवस्था को वायग्रा की जरूरत है।

सिब्बल ने कहा कि वह देश की जीडीपी में वृद्ध‍ि करेगी, लेकिन वास्‍तव में उनके जीडीपी का मतलब था-गैस, डीजल, पेट्रोल, इसीलिए उन्‍होंने गैस, डीजल और पेट्रोल का दाम बढ़ा दिया।

सिब्‍बल ने कहा, ‘केंद्र सरकार फिलहाल एक लीटर ईंधन पर 48 रुपये का मुनाफा कमा रही है। इसका भार कौन वहन कर रहा है? वह आदमी जो मोटरसाइकिल से चलता है, जो अपने बच्‍चों को छोड़ने के लिए स्‍कूल जाता है। या वह किसान जो अपने खेतों के लिए डीजल का इस्‍तेमाल करता है।’

कपिल सिब्बल ने कहा, ‘ एक लीटर कच्चे तेल की कीमत लगभग 21 रुपये है और इसे रिफाइन करने के बाद इसकी लागत लगभग 31 रुपये होगी। सरकार या पेट्रोलियम कंपनियों की लागत 31 रुपये और बिक्री 79 रुपये में (मुंबई की दर)। वे हर एक लीटर पर 48 रुपये का मुनाफा कमा रहे हैं।’

सिब्बल ने कहा, ‘इस सरकार के घमंड और आचरण को तो देखिए। वे देश के उन 1 प्रतिशत लोगों पर कर क्यों नहीं लगाते, जिनके पास देश की 58 प्रतिशत संपत्ति है। यूपीए शासन के दौरान यह 30 प्रतिशत थी। गरीब और गरीब होते जा रहे हैं और धनी और धनी बनते जा रहे हैं। इस सरकार ने अब महसूस किया है कि अर्थव्यवस्था के बारे में कुछ करने के लिए उसे वायग्रा जैसे एक प्रोत्साहन की जरूरत है।