नई दिल्लीः बैंकों के साथ धोखाधड़ी करने के आरोप में मशहूर उद्योगपति और रोटोमैक ग्रुप के मालिक विक्रम कोठारी पर आयकर विभाग ने शिकंजा कस लिया है। विभाग ने आज रोटोमैक ग्रुप के खिलाफ कथित कर चोरी जांच के संबंध में 11 बैंक खातों में लेन-देन को रोक दिया है। सीबीआई और प्रर्वतन निदेशालय ने भी उनके खिलाफ जांच तेज कर दी है।
पत्नी और बेटे से पूछताछ
अधिकारियों ने कहा कि विभाग द्वारा पिछली जनवरी में समूह के तीन खातों में लेन-देन पर रोक लगाई गई थी। सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय सात बैंकों के समूह द्वारा कानपुर के इस समूह को दिए गए 3,695 करोड़ रुपए के कर्ज में धोखाखड़ी की जांच कर रहे हैं। सीबीआई और प्रर्वतन निदेशालय (ईडी) की संयुक्त टीम ने कोठारी के तिलकनगर स्थित आवास पर छापा मारा और दस्तावेज खंगाले। सीबीआई ने उद्योगपति के खिलाफ मनी लाड्रिंग का मामला दर्ज कर लिया है। कोठारी परिवार के सभी सदस्यों के पासपोर्ट और मोबाइल कब्जे में ले लिए हैं। पत्नी और बेटे समेत कोठारी से सीबीआई पूछताछ कर रही है। उनकी सभी चल और अचल संपत्ति के कागजों की पड़ताल की जा रही है।
बैंकों के साथ धोखाधड़ी
गौरतलब है कि बैंकों ने उद्योगपति पर आरोप लगाया था कि विक्रम कोठारी ने कथित तौर पर न लोन की रकम लौटाई और न ही ब्याज दिया। इस पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के दिशा निर्देशों पर एक आधिकारिक जांच कमेटी गठित की गई। कमेटी ने 27 फरवरी 2017 को रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लि. को विलफुल डिफॉल्टर (जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वाला) घोषित कर दिया। कमेटी ने लीड बैंक की पहल पर यह आदेश पारित किया था।