इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से गुरुवार को भारत का 8वां नेविगेशन सैटेलाइट IRNSS-1H लॉन्च किया, जो असफल हो गया। यह अपने साथ 1,425 किग्रा वजनी उपग्रह ले जा रहा था। 44.4 मीटर लंबे पीएसएलवी-सी39 की यह 41वीं उड़ान थी।
इसरो के चेयरमैन ए.एस किरन कुमार ने इस बात की पुष्टि की। बता दें कि गुरुवार को लॉन्चिंग के कुछ देर बाद ही ISRO ने मिशन को असफल घोषित कर दिया था। इस वजन के कारण सैटलाइट की सफल लॉन्चिंग की ऊंचाई प्रभावित हुई और उसकी रफ्तार में प्रति सेकंड एक किलोमीटर की कमी आ गई।
ISRO सैटलाइट सेंटर के पूर्व डायरेक्टर एसके शिवकुमार ने कहा, ‘लॉन्च वीइकल अपने डिजाइन के अनुसार एक टन ज्यादा वजन लेकर जा रहा था और इसके कारण हीट शील्ड इससे अलग नहीं हो पाया। इस कारण रॉकेट की गति भी प्रभावित हुई। उदाहरण के तौर पर रॉकेट की गति प्रति सेकंड 9.5 किलोमीटर होनी चाहिए थी, लेकिन इसकी गति 8.5 किलोमीटर प्रति सेकंड ही रही।’
बता दें ‘इंडियन रीजनल नेवीगेशन सैटेलाइट सिस्टम’ एक स्वतंत्र क्षेत्रीय प्रणाली है जिसका विकास भारत ने अमेरिका के जीपीएस, रूस के ग्लोनास तथा यूरोप द्वारा विकसित गैलिलियो के मुताबिक किया है। यह प्रणाली भूभागीय एवं समुद्री नौवहन, आपदा प्रबंधन, वाहनों पर नजर रखने, बेड़ा प्रबंधन, हाइकरों तथा घुमंतुओं के लिए नौवहन सहायता और चालकों के लिए दृश्य एवं श्रव्य नौवहन जैसी सेवाओं की पेशकश करती है।