प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इजरायल की ऐतिहासिक यात्रा पर हैं और इस दौरे पर पूरी दुनिया की नजर है। भारत को मोदी की इस यात्रा से बहुत कुछ हासिल होने की उम्मीद है, मगर जानकारों का मानना है कि इजरायल में पीएम मोदी के स्वागत में जो गर्मजोशी दिखाई जा रही है। उसका कारण ये है कि तीन दिन की इस यात्रा से इजरायल को भारत के मुकाबले कही ज्यादा लाभ होगा।
– इजरायल अपना 48 फीसदी हथियार भारत को निर्यात करता है, पीएम मोदी की यात्रा के दौरान डिफेंस को लेकर जो नए समझौते होंगे उससे इसमें और ज्यादा बढ़ोतरी होगी।
– भारत अभी 70 से 100 अरब रुपये के करीब सैन्य उत्पाद इजरायल से आयात कर रहा है, जो अगले पांच साल में 150 अरब रुपये तक पहुंच सकता है।
– इजरायल की कंपनियों के लिए भारत में निवेश के बेहतर मौके बनेंगे। पीएम मोदी का मेक इन इंडिया कार्यक्रम उनके लिए सुनहरे अवसर की तरह होगा।
– सबसे बड़ी बात ये है कि इजरायल मोदी के दौरे के आसरे विरोधियों को यह जताना चाहता है कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश न केवल उसका अच्छा दोस्त है बल्कि उसके साथ उसके व्यापक कारोबारी रिश्ते भी हैं।
– इजरायल भारत की दोस्ती का इस्तेमाल मिडल-ईस्ट के साथ एशिया के अन्य देशों के साथ डिप्लोमेसी में भी कर सकता है। इजरायल अपने अगल-बगल विरोधी देशों से घिरा हुआ है और ईरान से लेकर अफगानिस्तान तक उसका विरोध करते रहे हैं, जबकि भारत के इन सभी देशों के साथ अच्छे संबंध हैं।आमतौर पर दुश्मन का दोस्त दुश्मन होता है, मगर भारत के मामले में ऐसा नहीं है।
अपनी आजादी के 69 साल बाद भी इजरायल की एक बुनियादी दिक्कत यह है कि उसे भारत सरीखी मान्यता नहीं मिल पाई है क्योंकि जिस तरह उसने फिलीस्तीन को तोड़कर नया देश बनाया-उससे उसके विरोधी ज्यादा खड़े हुए। भारत से ही महज 25 बरस पहले उसके कूटनीतिक संबंध शुरू हुए हैं।