तीन तलाक के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ने वालीं इशरत जहां को उम्मीद थी कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले (एक साथ तीन तलाक पर छह महीने की रोक) के बाद उनके साथ-साथ दूसरी मुस्लिम महिलाओं की परेशानियां भी कम हो जाएंगी, मगर ऐसा नहीं हुआ। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इशरत का सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया है।
इशरत ने कोर्ट में तो तीन तलाक के खिलाफ जंग जीत ली है, मगर अब कोर्ट के बाहर उनका संघर्ष शुरू हो गया है, जो अब काफी लंबा चलेगा। एक न्यूज पोर्टल में छपी एक खबर के अनुसार, इशरत को उनके ही रिश्तेदारों और पड़ोसियों की आलोचना और बदजुबानी का शिकार होना पड़ रहा है। उनका कहना है कि आसपास के लोग उनको ‘गंदी औरत’ और इस्लाम विरोधी कहते हैं।
हावड़ा की रहने वालीं इशरत के पति ने 2014 में दुबई से फोन करके उन्हें तीन तलाक दे दिया था। इशरत उन पांच याचिकाकर्ताओं में से एक हैं, जिनकी वजह से सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को असंवैधानिक करार दिया है। खबर के अनुसार इशरत ने बताया, ‘सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद मुझ पर ताने मारने वालों की लंबी कतार सी लग गई। ससुराल वाले और पड़ोसी मेरे चरित्र को लेकर तरह-तरह की बातें करते हैं। मुझे गंदी औरत कहते हैं। कई पड़ोसियों ने तो मुझसे बात करना भी छोड़ दिया है। मुझे मर्दों की दुश्मन और इस्लाम विरोधी तक कहा जा रहा है।’
इशरत कहती हैं, ‘सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद से मुझे इस घर में रहने से डर लगता है। मगर मैं सिर्फ अपने बच्चों पर ध्यान देना चाहती हूं, उनके अच्छे भविष्य के लिए जीना चाहती हूं। मुझे अब बेचारी बनकर नहीं रहना है। मेरा मानना है कि हर किसी को अपने अधिकारों के लिए जंग लड़नी चाहिए।’ आपको बता दें कि इशरत की वकील नाजिया इलाही खान को भी सोशल मीडिया पर बहुत ही ज्यादा ट्रोल किया जा रहा है।
इश्रत ने कहा है कि ‘लोगों के बदले रवैये को देखकर उन्हें काफी दुख हुआ है। वह समझ गई हैं कि लोगों के नजरिये में कोई बदलाव नहीं होने वाला है। समाज तब तक नहीं बदलेगा, जब तक लोग नहीं बदलना चाहेंगे। समाज जिस दिन मेरे जैसी महिलाओं की मदद करने के बारे में सोचना शुरू कर देगा, उसी दिन से बदलाव शुरू हो जाएगा।’