हिस्टोरियन रामचंद्र गुहा ने निजी कारणों को वजह बताते हुए बीसीसीआई की कमेटी ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर्स (COA) से इस्तीफा दे दिया। गुहा ने सुप्रीम कोर्ट से रिलीव किए जाने की इजाजत मांगी है। हालांकि, गुहा के इस्तीफे को अनिल कुंबले को टीम इंडिया के कोच विवाद से जोड़कर देखा जा रहा है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई का एडमिनिस्ट्रेशन चलाने के लिए 4 एडमिनिस्ट्रेटर्स की सीओए बनाई थी। लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों को लागू नहीं करने की वजह से सुप्रीम कोर्ट ने 2 जनवरी को बीसीसीआई प्रेसिडेंट अनुराग ठाकुर और सेक्रेटरी अजय शिर्के को हटा दिया था।
गुहा ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि भारतीय क्रिकेट में सुपरस्टार कल्चर लगातार बढ़ रहा है। गुहा के खत के अनुसार, ”टीम का कोच कौन हो, इसका फैसला करने का अधिकार खिलाड़ियों के पास नहीं होना चाहिए। यह हक बीसीसीआई के अधिकारियों के पास ही रहना चाहिए।”
सीओए के चेयरमैन विनोद राय को लिखे अपने इस्तीफे में रामचंद्र गुहा ने साफ कहा कि अगर नियमों के हिसाब से चलें तो परफॉर्मेंस के आधार पर अनिल कुंबले का टर्म बढ़ाया जाना चाहिए। टीम ने पिछले समय में बढ़िया नतीजे दिये हैं, भले ही खिलाड़ियों को इसका क्रेडिट मिले लेकिन कोच भी इस सफलता का हकदार है।
एक सीओए मेंबर ने कहा, “नहीं, उनके इस्तीफे को लेकर कोई जानकारी नहीं थी। मुझे भी मीडिया में चल रही खबरों से ही पता लगा।”
ये भी बताया जा रहा है कि गुहा, सीओए को काफी कम वक्त देते थे। एकेडमिक व्यस्तताओं के चलते वे कई मीटिंग में शामिल नहीं रहे। पूर्व कैग (कम्पट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल) विनोद राय को सीओए का हेड बनाया था। मेंबर्स में गुहा के अलावा बैंकर विक्रम लिमये और टेस्ट क्रिकेटर रहीं डायना इडुलजी को भी नियुक्त किया गया था।