हुर्रियत के अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी और उनके परिवार पर एनआईए का शिकंजा कसता जा रहा है। बुधवार को गिलानी का छोटा बेटा नसीम एनआईए के सामने पेश होगा, उसे समन भेजा गया था। इससे पहले बड़े बेटे को भी पेश होना था, मगर वह तबीयत खराब होने के कारण पेश नहीं हो पाया था। एनआईए की जांच पड़ताल में गिलानी ही नहीं, उसके बेटे, दामाद भी बुरी तरह घिर गए हैं।
हुर्रियत नेता आतंक की आग में जम्मू और कश्मीर को झोंकने की बात कर रहे हैं। एऩआईए ने जब जांच पड़ताल शुरू की तो इसकी जड़ें पाकिस्तान तक पहुंची। हुर्रियत के नेताओं और उनके साथ वतन से गद्दारी करने वालों पर शिकंजा कसा तो इसकी कड़ियां भारत में पाकिस्तान के उच्चायोग तक जुड़ने लगी हैं।
देवेंदर से भी हो रही पूछताछ-
हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी के कानूनी सलाहकार देवेंदर सिंह भुल्लर को जब एऩआईए ने हिरासत में लिया तो कई सच्चाईयां खुलती चली गईं। उसकी बातों से एऩआईए को ये शक हुआ कि हो न हो, कश्मीर में आतंक फैलाने की रूपरेखा में पाक उच्चायोग भी शामिल हो सकता है।एनआईए की जांच पड़ताल में हुर्रियत का कश्मीर विरोधी चेहरा खुलता गया।
देवेंदर बहल की मानें तो इस पूरे आतंकी खेल का एक खिलाड़ी नईम गिलानी भी है, सैय्यद अली शाह गिलानी का बेटा। नईम गिलानी को आतंकी फंडिंग के मामले में पूछताछ के लिए दिल्ली तलब किया गया था। नईम गिलानी का टिकट भी बुक हो गया था, मगर आखिरी वक्त पर बताया गया कि नईम गिलानी की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई है। अब नईम को आईसीयू में रखा गया है।
इसके पहले एनआईए ने छापेमारी में सैयद अली शाह गिलानी का हस्ताक्षर किया हुआ हुर्रियत का एक कैलेंडर बरामद किया था। ये आतंकी कैलेंडर गिलानी के दामाद अल्ताफ फंटूस के घर से बरामद किया गया था। इस कैलेंडर में तारीख दर तारीख कब कब कहां-कहां हंगामा करना है, कहां दंगा भड़काना है, कहां बवाल कराना है, सब दर्ज था। मगर हुर्रियत पर मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती का रुख नरम ही है। हुर्रियत का असली चेहरा सामने आने के बाद ये तय करना होगा कि आतंक के इन आकाओं की दुकान हमेशा-हमेशा के लिए बंद हो।