रूस की राजधानी मॉस्को स्थित अलाबीनो रेंज में चल रहे अंतरराष्ट्रीय टैंक बैथलॉन 2017 से भारत बाहर हो गया है। भारत इन खेलों में दो T-90 टैंक के साथ शामिल हुआ था, मगर इन दोनों ही टैंकों में तकनीकी खराबी आ गई। इसी कारण से भारतीय सेना के लिए इस प्रतियोगिता का अंत काफी दुखद रहा।
एक न्यूज पोर्टल में छपी खबर के मुताबिक, भारत ने इन खेलों के लिए दो T-90 टैंक को एक प्रमुख और एक रिजर्व में रखा था। हालांकि रेस के दौरान दोनों ही टैंकों में खराबी आ गई थी, जिसके बाद भारत को अयोग्य घोषित कर बाहर कर दिया गया था।
इस प्रतिस्पर्धा के शुरुआती राउंड़ो में भारतीय सेना ने शानदार प्रदर्शन किया था और उसे जीत का प्रबल दावेदार माना जा रहा था। ऐसे में भारतीय आर्मी के लिए इस प्रतियोगिता का अंत काफी निराशाजनक रहा है।
अब इस प्रतिस्पर्धा के फाइनल मुकाबले के लिए रूस, बेलारूस, कजाकिस्तान और चीन आगे बढ़ गए हैं। इन चारों में से ही कोई अब इस गेम को जीतेगा। रेस में रूस और कजाकिस्तान T-72B3 टैंक, बेलारूस T-72 और चीन 96बी टैंक के साथ शामिल हुआ है। वहीं भारत ने रूस द्वारा डिजाइन किए गए T-90 टैंक के साथ उतरने का फैसला लिया था।
माना जा रहा था कि भारत इस रेस में स्वदेशी टैंक अर्जुन को उतारेगा, मगर ऐसा नहीं हुआ। शुरुआत में भारत रूस की तरफ मुहैया कराए गए T-72 टैंक के साथ उतरा था। हालांकि उन टैंकों के साथ भारतीय सेना सहज नहीं थी, इसलिए जहाज के रास्ते भारत ने T-90 टैंकों को मंगाया।
इन खेलों में कुल 19 टीमों ने हिस्सा लिया था, जिसमें से टॉप 4 के बीच अब फाइनल के लिए मुकाबला है। हिस्सा ले रही हर टीम के अंदर 21 कर्मी होते हैं।इसमें टीम के मेंबर के साथ ही एक कोच और तकनीकी दिक्कतों से निपटने के लिए टीम होती है।
प्रतियोगिता के तीन राउंड होते हैं। पहले में सभी टीम अकेले-अकेले रेस में उतरती हैं। फिर 12 टीमें दूसरे राउंड में पहुंचती हैं। फिर टॉप 4 अंतिम और फाइनल राउंड में जीत की रेस लगाती हैं।