इस्लामाबाद, 16 अप्रैल 2021
पाकिस्तान की जेल में जासूसी के आरोप में बंद भारतीय कुलभूषण यादव को लेकर इस्लामाबाद हाईकोर्ट मे पाकिस्तान सरकार को भारत के सामने स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा है। इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने कुलभूषण यादव पर सुनवाई करते हुए पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय से कहा कि अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट के फैसले को लागू करवाने के लिए न्यायाधिकार क्षेत्र के संबंध में भारत सरकार की स्थिति स्पष्ट करे।
इस्लामाबाद हाईकोर्ट में बहस
पाकिस्तान स्थित इस्लामाबाद हाईकोर्ट में कुलभूषण जाधव मामले की सुनवाई चल रही है। आपको बता दें कि भारतीय नौसेना के रिटायर्ड ऑफिसर 50 साल के कुलभूषण जाधव को अप्रैल 2017 में पाकिस्तानी मिलिट्री कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी। उन्हें पाकिस्तान में आतंकवाद फैलाने का दोषी ठहराया गया था, जिसके बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के मिलिट्री कोर्ट के फैसले को इंटरनेशनल कोर्ट में चुनौती दी थी। भारत ने इंटरनेशनल कोर्ट में कहा था कि कुलभूषण यादव बेगुनाह हैं और उन्हें कोर्ट में अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया और ना ही उन्हें अपना केस लड़ने के लिए वकील मुहैया कराया गया। जिसके बाद इंटरनेशनल कोर्ट ने पाकिस्तान सरकार को कुलभूषण जाधव को कानूनी और राजनियक मदद देने को कहा था।
वकील नियुक्ति पर बहस
इस्लामाबाद हाईकोर्ट में कुलभूषण जाधव को वकील नियुक्त करने पर बहस चल रही है। जिसकी सुनवाई जस्टिस अथर मिनाल्लाह, जस्टिस आमिर फारूक और जस्टिस मियांगुल हसन औरंगजेब की पीठ कर रही है। पाकिस्तानी अखबार ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय उच्चायोग ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में वकील के जरिए अदालत में अपनी सफाई पेश की और इस्लामाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधिकार क्षेत्र को लेकर चुनौती दी। भारत की दलील है कि कुलभूषण यादव का पाकिस्तानी आर्मी ने अफगानिस्तान में किडनैप कर लिया था और उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाए गये हैं। और इंटरनेशनल कोर्ट ने भारत सरकार की दलील पर पाकिस्तान को निर्देश दिए थे कि वो कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान मिलिट्री कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए सही प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराए। जिसके बाद अब मामला इस्लामाबाद हाईकोर्ट में चल रहा है, जिसको लेकर भारत का कहना है कि कुलभूषण जाधव का मामला इस्लामाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधिकार क्षेत्र से बाहर का मामला है।
‘भारत के सामने स्थिति स्पष्ट करे पाकिस्तान’
पाकिस्तानी अखबार ट्रिब्यून के मुताबिक इस्लामाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान भारतीय उच्चायोग के वकील शाहनवाज नून से हाईकोर्ट ने पूछा कि क्या उन्होंने भारत को कुलभूषण जाधवा मामले की जानकारी दी है? हाईकोर्ट के इस सवाल के जबाव पर बैरिस्टर शाहनवाज नून ने कहा कि भारत सरकार की राय है कि कुलभूषण जाधव का मामला इस्लामाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधिकार क्षेत्र में नहीं आता है। इसपर हाईकोर्ट ने कहा कि ‘ऐसा लगता है कि भारत सरकार को इस्लामाबाद हाईकोर्ट के फैसले को लेकर गलतफहमी है, और ये केस सिर्फ इस्लामाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधिकार क्षेत्र से ही नहीं जुड़ा हुआ है बल्कि अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट के फैसले को लागू करने से भी कनेक्टेड है’। इस्मामाद हाईकोर्ट ने पाकिस्तान विदेश मंत्रालय को कहा कि वो भारत सरकार से संपर्क कर इस केस को लेकर भारत सरकार का क्या सोचना है, वो कोर्ट के सामने स्पष्ट करे।
भारत को आपत्ति
दरअसल, जुलाई 2019 में हेग स्थिति अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट ने पाकिस्तान से कहा था कि कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस दी जाए और पाकिस्तान उनकी फांसी की सजा पर दोबारा रिव्यू करे। जिसके बाद पाकिस्तान सरकार ने पिछले साल एक स्पेशल ऑर्डिंनेंस पास करते हुए इस मामले को इस्लामाबाद हाईकोर्ट में फाइल कर दिया। पाकिस्तान ने लगातार भारत से कहा कि वो अपना वकील नियुक्त कर ले, लेकिन भारतीय हाई कमीशन ने एक वकील के जरिए इस्लामाबाद हाईकोर्ट में कहा है कि ये मामला पाकिस्तान के किसी अदालत के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है।