सहारनपुर, उत्तर प्रदेश पुलिस का एक और अमानवीय चेहरा सामने आया है। गुरुवार की रात में सड़क हादसे के शिकार दो नाबालिग बच्चों ने पुलिसवालों के सामने ही सड़क पर तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया लेकिन वे उन्हें अपनी सरकारी गाड़ी से अस्पताल नहीं ले गए। पुलिसवालों का कहना था कि हादसे के शिकार लड़कों के खून से उनकी गाड़ी गंदी हो जाएगी, इसलिए वे उन्हें अस्पताल नहीं ले जाएंगे। घटना का विडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
लोगों की लाखों मिन्नतों के बाद भी जब पुलिस का दिल नहींं पसीजा तो किसी तरह दूसरे वाहन की व्यवस्था करके घायलों को अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टर्स ने युवकों को मृत घोषित कर दिया। इस पूरे मामले का एक विडियो लोगों ने बना लिया। शुक्रवार को यह विडियो सोशल मीडिया + में वायरल हो गया। 3 मिनट 18 सेकंड के इस विडियो में उत्तर प्रदेश पुलिस की करतूत शर्मसार करने वाली है।
घटना सहारनपुर जिले की है। यहां के नुमाइश कैंप सेतिया विहार के रहने वाले दो नाबालिग अर्पित खुराना (17) और सन्नी (17) बाइक से गुरुवार रात उनके घर जा रहे थे। बेरी बाग इलाके के मंगलनगर चौक पर अनियंत्रित होकर उनकी बाइक एक खंभे से टकरा गई। बाइक नाले में गिर गई। खंभे में बाइक लगने से तेज आवाज हुई।
आसपास के लोग पहुंचे और दोनों को नाले से निकाला। दोनों गंभीर रूप से घायल थे। भीड़ ने पुलिसकंट्रोल रूम को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची। विडियो में साफ दिख रहा है कि वहां मौजूद भीड़ मौके पर डायल 100 के पुलिस वालों से दोनों लड़कों को अस्पताल ले जाने को कह रही है लेकिन पुलिस वाले इनकार कर रहे हैं।
भीड़ से एक युवक रो-रोकर पुलिसवालों से सर और साहब कहकर मदद की गुहार लगा रहा है। घायल सड़क पर तड़पते दिख रहे हैं। एक युवक खुद को मीडिया से जुड़ा होने और पास ही रहने की बातकर मदद मांग रहा है, लेकिन पुलिसवालों ने सरकारी गाड़ी से अस्पताल ले जाने से इनकार कर दिया।
मौके पर मौजूद एक युवक घायल लड़के को उठाकर पुलिस वाले से कार का दरवाजा खोलने का आग्रह भी कर रहा है। इसपर पुलिस के तरफ से जवाब आ रहा है कि कार गंदी हो जाएगी, अगर वह घायलों को कार में बैठा लेंगे फिर सारी रात वह गंदी कार में कहां बैठेंगे? पुलिस वाला भीड़ से कह रहा है कि किसी टैंपों से ले जाएं, वह नहीं लेकर जाएंगे। अब एसपी सिटी प्रबल प्रताप सिंह ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।