भारत और श्रीलंका के बीच खेले गए तीसरे टेस्ट मैच को भारतीय टीम ने 1 पारी और 171 रनों से अपने नाम कर लिया। इस जीत के साथ ही टीम इंडिया ने सीरीज को 3-0 से जीत ली। भारतीय टीम ने श्रीलंका का उन्हीं की धरती पर 3-0 से क्लीनस्वीप कर इतिहास रच दिया है। इसके साथ ही भारत ने आखिरी दोनों मैच एक पारी और रनों से जीत कर इस रिकॉर्ड को भी अपने नाम किया है। भारत श्रीलंका में अपने आखिरी पांचों मैच जीता है, जबकि श्रीलंका की टीम को अभी भी भारत में जीत का खाता खोलना है। इस जीत के साथ ही टीम इंडिया ने कई रिकॉर्ड बनाए। आइये जानते हैं कौन-कौन से रिकॉर्ड बने हैं-
एक ओवर में सबसे ज्यादा रनों का रिकॉर्ड-
हार्दिक पांड्या ने मलिंदा पुष्पकर्मा के एक ओवर में रिकॉर्ड 26 रन बनाये। ये भारतीय इतिहास में सबसे बड़ा ओवर था। इससे पहले किसी भी भारतीय ने एक ओवर में इतने रन नहीं बनाये थे। पांड्या ने पुष्पकर्मा के ओवर की पहली और दूसरी गेंद पर शानदार 2 चौके जड़े और फिर लगातार तीन गेंद पे तीन छक्के लगाकर उन्होंने अपने नाम ये रिकॉर्ड करा।
श्रीलंका को 2 बार पारी से हराने का रिकॉर्ड-
श्रीलंका को उन्हीं की धरती पर लगातार 2 बार पारी और रनों के अंतर से हराने वाला पहला देश बना है भारत। भारत ने 3 मैचों की टेस्ट सीरीज के दूसरे मैच को एक पारी और 53 रनों से जीता था और इसके बाद टीम ने तीसरे मैच को एक पारी और 171 रनों से अपने नाम कर लिया। इसके अलावा श्रीलंका को उन्हीं की धरती पर लगातार दो बार एक पारी के अंतर से हराने वाला भारत विश्व का पहला देश बन गया है।
विदेशी सरजमीं में क्लीन स्वीप-
3 मैचों की टेस्ट सीरीज में श्रीलंका को 3-0 से हराने के बाद भारतीय टीम ने श्रीलंका का सूपड़ा साफ कर दिया है। इस जीत के साथ ही भारत ने पहली बार विदेशी सरजमीं पर क्लीन स्वीप करने का रिकॉर्ड बनाया है। 3 मैचों की सीरीज में ये पहली बार है, जब टीम इंडिया ने विदेशी धरती पर सारे मैच जीते हैं। टीम इंडिया इससे पहले कभी भी विदेशी धरती पर क्लीन स्वीप नहीं कर सकी है, मगर कोहली की कप्तानी में भारत ने श्रीलंका को 3-0 से हराकर इस उपलब्धि को अपने नाम कर लिया है।
विदेशी सरजमीं 78वीं सीरीज में भारत की यह 18वीं सीरीज जीत-
विदेशी धरती पर 78वीं सीरीज में भारत की यह 18वीं सीरीज जीत है। इस दौरान टीम इडिया ने पहली बार 3-0 से व्हाइटवॉश करने में सफलता प्राप्त की है। 1932 से भारत के टेस्ट क्रिकेट खेलने का सिलसिला शुरू हुआ था। पहली बार इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में दौरे के एकमात्र टेस्ट की सीरीज में सीके नायडू ने भारत की कप्तानी संभाली थी और अबतक भारत की ओर से टेस्ट क्रिकेट में कुल 33 कप्तान हो चुके हैं। जिनमें से अकेले कोहली ने यह कारनामा कर दिखाया है।
भारतीय टीम लगातार सीरीज जीत के विश्व रिकॉर्ड से महज एक जीत पीछे है। लगातार सीरीज जीतने का वर्ल्ड रिकॉर्ड (9) ऑस्ट्रेलिया के नाम है। विराट कोहली की कप्तानी में यह भारतीय रिकॉर्ड और पुख्ता हुआ है। इससे पहले भारत ने 2008 और 2010 के दौरान तीन विभिन्न कप्तानों- अनिल कुंबले, महेंद्र सिंह धोनी और वीरेंद्र सहवाग के नेतृत्व में पांच लगातार सीरीज जीती थी।
मेहमान टीम भारत ने मेजबान श्रीलंका का क्लीनस्वीप किया है और ये 11 साल बाद है, जब कोई मेहमान टीम मेजबान का सूपड़ा साफ करने में कामयाब रही है। इससे पहले साल 2006 में ऑस्ट्रेलिया की टीम ने दक्षिण अफ्रीका को उन्हीं की धरती पर 3-0 से हराकर उनका सूपड़ा साफ किया था। उसके बाद से लेकर अब तक कोई भी टीम विदेश में जाकर विरोधी टीम को नहीं हरा पाई थी, मगर कोहली की कप्तानी में भारत ने इस बड़े रिकॉर्ड को अंजाम दिया।
धोनी से आगे निकले कोहली-
विराट कोहली की कप्तानी में भारतीय टीम विदेशी धरती पर अब 7 टेस्ट मैच जीत चुकी है। वे धोनी को पीछे छोड़कर विदेश में भारत के दूसरे सबसे सफल कप्तान बन गए हैं। विराट की कप्तानी में टीम इंडिया ने विदेश में 13 मैच खेल लिए हैं, जिनमें से 7 जीते हैं। धोनी की कप्तानी में भी भारत ने विदेश में खेले 30 मैचों में से 6 मैच जीते थे। जबकि विराट ने विदेशी धरती पर करियर के 12वें मैच में ही धोनी की बराबरी कर ली थी। विदेश में सबसे ज्यादा मैच जीतने का भारतीय रिकॉर्ड पूर्व कप्तान सौरव गांगुली के नाम पर है, जिनकी कप्तानी में भारत ने 11 मैचों में जीत हासिल की थी।