भारतीय मुक्केबाज़ी संघ ने एक ऐसा कोड ऑफ कंडक्ट तैयार किया है जिसमें उन पर कई बाधाएं लगा दी गई हैं। पहली बंदिश भारतीय मुक्केबाज़ी संघ ने 28 पन्ने का एक ड्राफ्ट तैयार किया है। कैम्प के सभी खिलाड़ियों को अपने आधार नम्बर के साथ इस पर साइन करने होंगे। यदि कोई मुक्केबाज़ कोचिंग कैम्प के बाहर ट्रेनिंग लेता है तो उसे भी इसकी अनुमति लेनी होगी। अब सभी मुक्केबाज़ों को किसी भी स्पॉन्सरशिप डील के लिए फेडरेशन से अनुमति लेनी होगी।
दूसरी बंदिश
कोई भी खिलाड़ी बिना कोच और टीम मैनेजर से अनुमति लिए किसी के कमरे में नहीं जा सकता। दूसरी क्लॉज़ में कहा गया है कि कोई भी खिलाड़ी शक्तिवर्धक दवाएं नहीं ले सकता और इसके लिए उसे भयंकर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना होगा। हालांकि इससे किसी खिलाड़ी को कोई एतराज नहीं होगा।
तीसरी बंदिश
नए कोड ऑफ कंडक्ट में उन्हें ट्रेनिंग के दौरान अपने किसी डिवाइज़ से म्यूज़िक सुनने की छूट नहीं होगी। इस पर खिलाड़ियों ने इससे बहुत एतराज जताया है। खिलाड़ी जिम ट्रेनिंग के दौरान अपने म्यूज़िक पर प्रैक्टिस करने में खुद को ज़्यादा आरामदायक महसूस करते हैं। खिलाडियों का कहना है कि अपने पसंदीदा म्यूज़िक पर अभ्यास करने से उनकी ऊर्जा का स्तर कई गुना बढ़ जाता है।
सूत्रों का कहना है कि देश के लिए बड़ी प्रतियोगिताओं में कई पदक जीत चुके खिलाड़ी अगर किसी प्रोफेशनल लीग का हिस्सा बनते हैं तो उन्हें इसमें कोई परेशानी नहीं है। बशर्ते उनका एमेच्योर करियर समाप्ति की ओर हो या समाप्त हो चुका हो लेकिन इसके लिए फेडरेशन से अनुमति लेना ज़रूरी होगा।
भारतीय मुक्केबाज़ी संघ ने अपने कोचों के माध्यम से खिलाड़ियों से साफ कह दिया है कि इन तमाम शर्तों को मानना अनिवार्य होगा। ऐसा न करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी, जिसमें खिलाड़ियों का कैम्प से अस्थायी या स्थायी निलम्बन शामिल है।