जम्मू-कश्मीर में लगातार पुलिस और सेना के जवानों पर हमले से परेशान आर्मी ने अब एक बड़ा अभियान छेड़ दिया है। सुरक्षाबल अब घर-घर जाकर आतंकवादियों की तलाश कर रहे हैं। इसके तहत आर्मी ने लगभग 20 गांवों को घेर लिया था। इस ऑपरेशन में लगभग 4000 से ज्यादा जवान लगे हुए हैं। कहा जा रहा है कि 1990 के बाद यह आर्मी का कश्मीर में सबसे बड़ा ऑपरेशन है।
आपको बता दें कि गुरुवार को आतंकवादियों ने शोपियां में सेना की एक टुकड़ी पर हमला किया था। हमले में सेना के दो जवान और स्थानीय ड्राइवर घायल हो गए। घायलों को नजदीकी अस्पताल में भेज दिया गया था और जिसके बाद इलाके को सेना ने अपने कब्जे में ले लिया है।
ड्रोन और हेलिकॉप्टर से रखी जा रही नज़र
अभियान के दौरान इलाके में ड्रोन और हेलीकॉप्टर के जरिए भी नजर रखी गई। सड़कों पर चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बल तैनात किए गए थे और मुख्य प्रवेश मार्गो पर तैनाती के दौरान सुरक्षा बलों ने स्थानीय लोगों को इलाके से बाहर जाने से रोके रखा है। इलाके में स्कूल बंद चल रहे हैं, इसलिए पुरुषों, युवकों और वृद्धों को गांव के मध्य में इकट्ठा होने के लिए कहा गया था।
यहां यह बताते चलें कि कश्मीर घाटी में लगातार हो रहे आतंकी हमलों के बीच शोपियां और पुलवामा ज़िले में सुरक्षाबलों का बड़ा एंटी-टेरर ऑपरेशन चल रहा है। ये अभियान बुधवार देर रात शुरू किया गया था। शाम में सेना की एक टुकड़ी उसी इलाके में जा रही थी, जहां ये ऑपरेशन चल रहा था।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने इस अभियान को ‘अभूतपूर्व’ बताया है। यह अभियान तड़के सुबह शुरू हुआ था। उल्लेखनीय है कि यह तलाशी अभियान एक बैंक डकैती और हालिया आतंकवादी हमलों के मद्देनजर चलाया गया। आर्मी ने जिन गांवों को घेरा है, बताया जा रहा है कि हाल ही के दिनों में यहां आतंकवादी खुलेआम घूमते, वीडियो रिकॉर्ड करते, तस्वीरें खींचते और उन्हें सोशल मीडिया पर अपलोड करते देखे जा चुके हैं।
रावत बोले- इसमें कुछ नया नहीं है
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने हालांकि कहा है कि यह एक ‘नियमित अभियान’ ही था, जिसे कश्मीर घाटी में स्थिति को नियंत्रण कायम रखने के उद्देश्य से चलाया गया था। दिल्ली में जनरल रावत ने कहा कि हम हर दिन ऐसा ही करते हैं, इसमें नया कुछ भी नहीं है। गुरुवार का अभियान हाल ही में बैंकों में हुई डकैती और पुलिसकर्मियों की हत्या को देखते हुए चलाया गया है।