जयपुर, मोदी सरकार देश की सैन्य ताकत को मजबूत करने पर जोर दे रही है। रक्षा क्षेत्र में भारत को एक बार फिर बड़ी सफलता मिली है। राजस्थान में बुधवार को डिफेंस रिसर्च एंड डेवलमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) ने नाग मिसाइल का सफल परीक्षण किया। नाग तीसरी पीढ़ी की एक एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल है इसका परीक्षण भारतीय सेनाओं को और ताकत देने के मकसद से किया है। इस परीक्षण के दौरान सेना और डीआरडीओ के अधिकारी मौजूद रहे।
दिशा नहीं भटकेगी यह मिसाइल
मिसाइल्स एंड स्ट्रैटेजिक सिस्टम्स के महानिदेशक जी सतीश रेड्डी ने बताया कि सफलतापूर्वक परीक्षण ने अलग-अलग परिस्थितियों में निशाना भेदने की सफलता हासिल की है। यह मिसाइल लक्ष्य का पीछा करके उसे नष्ट करने में सक्षम है। इस प्रोजेक्ट की लागत 350 करोड़ रुपए से अधिक है। इसमें उच्च क्षमता के उपकरण लगाए गए है। ज्यादा तापमान में भी यह दिशा नहीं भटकेगी। नाग मिसाइल वजन में काफी हल्की है और इसका कुल वजन महज 42 किलो है। यह 10 साल तक बगैर रखरखाव के इस्तेमाल किया जा सकता है।
2018 तह हो सकती है सेना में शामिल
डीआरडीओ के चेयरमैन और सचिव एस क्रिस्टोफर ने इस उपलब्धि के लिए पूरी नाग टीम को बधाई दी है। उन्होंने बताया कि इस टैस्ट फ्लाइट के बाद टार्गेट को हर तरह की भेदने की एटीजीएम क्षमता साबित हो गई है। नाग की रेंज 8 किलोमीटर है और इसे 2018 के अंत तक सेना में शामिल किया जा सकता है। यह कई लक्ष्यों इस मिसाइल को डीआरडीओ तथा अन्य प्रतिष्ठिानों ने मिलकर विकसित किया है। इस मिसाइल के परीक्षण पूरे हो गए हैं और अब यह तैनात किए जाने के लिए तैयार है।