कर्नाटक कैडर के आईएएस अधिकारी अनुराग तिवारी की मौत के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है कि आईएएस अनुराग तिवारी की हत्या हुई थी। ऐसे में हार्ट अटैक और ड्रग्स की रिपोर्ट खारिज हो गई है।
अनुराग के घर वालों ने पहले ही हत्या होने का आरोप लगाया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में एंटी मार्टम इंजरी मिली है। ऐसे में यह साफ हो गया कि अनुराग तिवारी की मौत हार्ट अटैक से नहीं हुई है। इसके साथ ही यह भी साफ हो गया है कि यह मौत न तो स्वाभाविक थी और न ही सुसाइड बल्कि यह हत्या का मामला है। ऐसे में सीबीआई ने हत्या की थ्योरी पर जांच आगे बढ़ा दी है।
17 मई को अनुराग तिवारी की लाश संदिग्ध हालत में मिली थी। यूपी की राजधानी लखनऊ में मीराबाई मार्ग स्थित वीआइपी गेस्ट हाउस में ठहरे कर्नाटक के आईएएस अधिकारी अनुराग तिवारी (36) की संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। तकरीबन दस साल के करियर में अनुराग का 7-8 बार तबादला किया गया था। परिवार वालों का कहना था कि राज्य पुलिस की जांच में उनको विश्वास नहीं है। सीबीआई जांच के आश्वासन के बाद परिवार को इंसाफ की आस जगी थी।
परिवार ने यह आरोप लगाया-
अपनी तहरीर में अनुराग तिवारी की मां ने आरोप लगाया है कि उनका बेटा ईमानदार था। मगर उसपर कर्नाटक में गलत काम का दबाव बनाया जाता था। अनुराग के भाई मंयक ने पुलिस को सूचित किया था कि उनके भाई ने कर्नाटक में किसी बड़े घोटाले को उजागर करने की बात बताई थी। इसके साथ ही ये भी कहा था कि जो जांच वो कर रहा है, उसमें कई बड़ी मछलियां भी फंसेंगी।
मयंक की मानें तो अनुराग ये सारी जानकारी पीएमओ और सीबीआई को देने वाला था। आपको बता दें कि पहले पोस्टमॉर्टम जांच में ये सामने आया था कि आईएएस अनुराग तिवारी की मौत दम घुटने की वजह से हुई थी। मगर मयंक तिवारी ने बताया था कि जिस जगह से उनकी डेड बॉडी मिली थी, वहां पर उस तरीके से किसी की मौत नहीं हो सकती, इसके साथ ही अनुराग के फोन से भी छेड़छाड़ की गई थी।
एलडीए वीसी के साथ ठहरे थे-
मौत से पहले अनुराग तिवारी वीआइपी गेस्ट हाउस के कमरा नंबर 19 में ठहरे हुए थे। कमरा एलडीए वीसी प्रभु नारायण सिंह के नाम बुक था। दोनों अधिकारी कमरा नंबर 19 में ही ठहरे थे। सुबह में अनुराग की लाश बीच सड़क पर पड़े होने की सूचना मिली थी।