चंडीगढ़, हरियाणा पुलिस की रिमांड में हनीप्रीत ने एक और बड़ा सच उगल दिया है. हनीप्रीत ने बताया कि 25 अगस्त को राम रहीम को पुलिस के चंगुल से छुड़ाकर सीधे विदेश भेजने की तैयारी थी.
इससे पहले हनीप्रीत ने हरियाणा पुलिस को अपने लैपटॉप और मोबाइल कि भी जानकारी दी है. साथ ही यह भी बताया कि उसने कैसे और किन लोगों के साथ मिलकर पंचकूला दंगों के लिए मास्टर प्लान तैयार किया था.
गुरमीत राम रहीम की करीबी हनीप्रीत ने हरियाणा पुलिस के सामने कई बड़े राज खोले हैं. हनीप्रीत ने बताया कि बीते 25 अगस्त को पुलिस की गिरफ्त से राम रहीम को छुड़वाने के बाद विदेश भेजने की तैयारी थी. हालांकि, हरियाणा पुलिस की मुस्तैदी के चलते यह प्लान कामयाब नहीं हो पाया.
राम रहीम को उम्मीद थी कि सुरक्षाकर्मी उसे पुलिस की गिरफ्त से छुड़वा लेंगे. फिर उसे सिरसा डेरा मुख्यालय या किसी सुरक्षित पहुंचा दिया जाएगा. हनीप्रीत उसे विदेश भगाने की पूरी तैयारी कर चुकी थी. वह विदेश में बैठे बाबा के करीबियों के संपर्क में थी. हनीप्रीत पर तीन विदेशी सिम कार्ड इस्तेमाल करने का आरोप भी है.
इससे पहले खुलासा हुआ था कि बाबा की गुफा के कुछ खास दरवाजे हनीप्रीत के फिंगरप्रिंट से खुलते थे. उन्हीं दरवाजों से हनीप्रीत डेरा का खजाना खाली करके 28 अगस्त को फरार हुई थी.
जानकारी के मुताबिक डेरा प्रमुख राम रहीम की गिरफ्तारी के बाद 4 दिनों तक हनीप्रीत सिरसा में ही ठहरी थी. डेरे में मौजूद बाबा की गुफा के खास दरवाजे गुरमीत राम रहीम के अलावा सिर्फ हनीप्रीत के फिंगरप्रिंट से खुलते थे.
CID रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि 28 अगस्त की रात को हनीप्रीत दो बड़े सूटकेस लेकर वहां से निकली थी. जांच में पता चला है कि पंचकूला हिंसा फैलाने के लिए काले धन का इस्तेमाल हुआ था. इसी बीच हरियाणा पुलिस ने राजस्थान के गुरुसर मोडिया से कुछ अहम दस्तावेज भी बरामद किए है.
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि हनीप्रीत इंसा 25 अगस्त की रात लगभग 2 बजे सिरसा पहुंची थी और 28 अगस्त की रात एक कांग्रेसी नेता की जेड प्लस सिक्योरिटी की आड़ में दो बड़े सूटकेस लेकर डेरा सच्चा सौदा से राजस्थान की और चली गई थी. उसके साथ राम रहीम का परिवार भी काले शीशे वाली गाड़ियों में सवार होकर निकला था.