नई दिल्ली, गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को एक एडवाइज़री जारी कर अवैध तरीके से रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों की पहचान करके बाहर निकालने के निर्देश दिए गए हैं। एडवाइजरी में कहा गया हैकी रोहिग्या मुसलमानों से देश की सुरक्षा को खतरा है। यह एडवाइजरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा म्यांमार में रोहिंग्या मुस्लिमों का मुद्दा उठाने के बाद सामने आई है।
सूत्रों के मुताबिक आतंकी संगठन रोहिंग्या मुसलमानों को भारत के ख़िलाफ़ आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। वर्तमान में भारत मे करीब 40 हज़ार रोहिंग्या अवैध तरीके से अलग-अलग राज्यों में रह रहे हैं। इसमें से करीब 10,000 रोहिंग्या तो अकेले जम्मू में ही हैं। इसके अलावा हैदराबाद, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली एनसीआर और राजस्थान में भी रोहिंग्या रह रहे हैं।
भारत सरकार के सामने देश की सुरक्षा सर्वोपरि है। रोटी, कपड़ा और मकान की दिक्कतों से जूझते रोहिंग्या आबादी के आतंकी संगठनों के झांसे में आसानी से आ जाने की आशंका है। ख़ुफ़िया एजेंसियों से सरकार को ऐसे इनपुट भी मिले हैं कि पाकिस्तान से ऑपरेट कर रहे टेरर ग्रुप इन्हें अपने चंगुल में लेने की साजिश में लग गए हैं। ऐसे में सरकार के लिए भारत में शरण ले चुके 40 हजार रोहिंग्या शरणार्थियों को देश से बहार निकालना ज़रूरी हो गया है।