Rajnath singh

हरियाणा में हुई हिंसा को लेकर केंद्र सरकार काफी सख्त है। डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम पर हाईकोर्ट के फैसले के बाद शुक्रवार को हरियाणा के कई इलाकों में हुई हिंसा की घटनाओं से प्रधानमंत्री हरियाणा की खट्टर सरकार से नाराज बताए जा रहे हैं। इसी पृष्ठभूमि में गृहमंत्री राजनाथ सिंह अपने घर पर मंत्रालय के उच्च अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक कर हैं। बैठक में खासतौर से हरियाणा के तनावपूर्ण हालात और उससे निपटने के लिए उठाए जा रहे कदमों की समीक्षा की जाएगी।

सूत्रों की मानें तो खट्टर सरकार ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख बाबा गुरमीत राम रहीम पर हाईकोर्ट के फैसले के बाद पैदा होने वाले हालात को कम आंक के बताया है। वहीं पर्याप्त अर्ध सैनिक बलों और पुलिस फोर्स होने के बाद भी हरियाणा प्रशासन डेरा समर्थकों से निपटने में नाकाम रहा। गौरतलब है कि इसी महीने की 16 तारीख को गृह मंत्रालय में पंजाब और हरियाणा के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक हुई थी, इस बैठक में दोनों राज्यों के डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी ने हिस्सा लिया था और केंद्र से सुरक्षा मदद की गुहार लगाई थी।

सूत्रों की मानें तो इस बैठक में हरियाणा ने लगभग 250 अर्धसैनिक बलों की कंपनियों की मांग की थी। गृह मंत्रालय के सूत्रों ने बताया है कि 250 कंपनी में लगभग 40000 सुरक्षाकर्मी होते हैं। ऐसे में गृह मंत्रालय ने जमीन पर हालात का आंकलन कर लगभग 105 कंपनी हरियाणा को मुहैया कराई गई थी, जो कि जाट आंदोलन के दौरान दी गई फोर्स के बराबर ही हैं।

हरियाणा सरकार के पास अपनी पुलिस फोर्स भी है। उसके साथ ही साथ 105 कंपनी CRPF की मिला लें, तो आकड़ा लगभग 70 हजार सुरक्षाकर्मी तक पहुंच जाता है। यदि ऐसे में प्रदेश सरकार फोर्स की तैनाती बाकायदा प्लान करके करती और सुरक्षाकर्मियों का उपयोग ज्यादा संवेदनशील इलाकों में ठीक ढंग से किया जाता, तो ऐसे हालात पैदा न होते।

गृहमंत्री राजनाथ सिंह बैठक में NSA, गृह सचिव, आईबी चीफ, सीआरपीएफ के डीजी और बाकी 8 सैन्य बलों के आलाधिकारियों से बातचीत कर समीक्षा कर रहे हैं कि हालात पर काबू पाने और तनाव दूर करने के लिए केंद्र सरकार आखिर कैसे हरियाणा सरकार की मदद कर सकती है। इस संदर्भ में हरियाणा के मौजूदा हालात पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह प्रधानमंत्री को भी अवगत कराएंगे।