आतंकवाद को लेकर अमेरिका ने पाक को एक और करारा झटका दिया है। अमेरिकी बैंकिंग नियामकों ने 40 साल से न्यू यॉर्क में मौजूद इस्लामाबाद के ‘हबीब बैंक’ को अपना दफ्तर बंद करने का आदेश दिया गया है। बैंक पर टेरर फंडिंग की वजह से यह कार्रवाई हुई है। हबीब पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्राइवेट बैंक है। हबीब बैंक की अमेरिका में यह एकमात्र ब्रांच थी।
इस बैंक के जरिए ऐसे ट्रांजेक्शंस होने का शक है जिन्हें आतंकवाद, मनी लॉन्ड्रिंग या दूसरी गैर कानूनी गतिविधियों में इस्तेमाल किया गया हो। न्यूयॉर्क वित्तीय विभाग (डीएफएस) ने बैंक पर नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में तकरीबन 14370 करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया है। डीएफएस ने पिछले महीने कहा था कि वह हबीब बैंक पर करीब 40 हजार करोड़ रुपए का जुर्माना लगाने पर विचार कर रही है।
बैंक पर पहले 62.96 करोड़ डॉलर का जुर्माना लगाने का प्रस्ताव रखा गया था लेकिन बाद में इसे कम कर दिया गया। हबीब अमेरिका में सन 1978 से काम कर रहा है। 2016 में डीएफएस ने बैंक के रिस्क मैनेजमेंट का रिव्यू किया। इसमें सामने आया कि बैंक ने हजारों ट्रांजैक्शन की सही तरीके से जांच नहीं की। बैंक ने कई अपराधियों और प्रतिबंधित संस्थाओं के ट्रांजैक्शंस को बिना जांच के पास कर दिया।
न्यू यॉर्क के बैंकिंग नियामकों के मुताबिक हबीब बैंक के जरिए सऊदी के प्राइवेट बैंक (अल रजही) के साथ अरबों डॉलर का लेनदेन हुआ। यह बैंक कथित तौर पर अल-कायदा के संपर्क में है। डीएफएस की एक अधिकारी ने बताया कि बैंक को कई बार अपनी गलती सुधारने का मौका दिया गया, लेकिन बैंक ने इसमें लापरवाही बरती। उसकी तरफ से इस मामले में कोई कदम नहीं उठाया गया।