पंजाब में आम आदमी पार्टी के लिए नई मुसीबत आ गई है। आप नेता गुरप्रीत घुग्गी आम आदमी पार्टी छोड़ दी है। गुरप्रीत घुग्गी के साथ पंजाब में आम आदमी पार्टी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और पूर्व हॉकी खिलाड़ी जगदीप सिंह गिल ने भी पार्टी से अपना इस्तीफा दिया। अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के आप विधायकों और नेताओं से बात के बाद घुग्गी को हटाकर भगवंत मान को संयोजक बताया गया था। सूत्रों के मुताबिक पंजाब में हार के बाद केजरीवाल ने ये फैसला लिया था। खबर है कि पंजाब में आम आदमी पार्टी के सभी विधायक इस फैसले से खुश नहीं हैं, वह मान की शराबी की छवि से परेशान हैं। घुग्गी से पहले सुखपाल खैरा भी अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं।
इस्तीफा देने के बाद गुरप्रीत घुग्गी ने कहा कि मेरा भगवंत मान या किसी अन्य व्यक्ति विशेष से कोई विरोध नहीं है। भगवंत मान के साथ मैं काफी काम कर चुका हूं और नाराजगी भगवंत मान के प्रधान बनाए जाने को लेकर नहीं है।
घुग्गी ने कहा कि मैं विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान स्टार प्रचारक के तौर पर काम करना चाहता था लेकिन फिर भी मुझे कन्वीनर बना दिया गया। जिसकी वजह से मैं पार्टी के प्रचार की बजाय अन्य कामों में काफी व्यस्त हो गया था। मैं संजय सिंह और अन्य दिल्ली के नेताओं से गुजारिश करता रहा कि सुच्चा सिंह छोटेपुर को हमें मना लेना चाहिए।
घुग्गी बोले कि मैं लगातार पार्टी के नेताओं को स्टेट कन्वीनर का पद लेने से इंकार कर रहा था लेकिन अरविंद केजरीवाल को मैं मना नहीं कर पाया। मेरा विरोध भगवंत मान या किसी व्यक्ति को लेकर नहीं है, लेकिन जिस तरह से भगवंत मान को प्रधान बनाया दिया गया मेरा विरोध इसको लेकर है।
गुरप्रीत घुग्गी ने आरोप लगाया कि पंजाब चुनावों के दौरान महिलाओं के शोषण की कई शिकायतें मिली थी। मैं इसको लेकर किसी का नाम नहीं लेना चाहूंगा। मैंने इसके बारे में पार्टी आलाकमान को बताया था लेकिन कोई एक्शन नहीं हुआ था।
गुरप्रीत ने कहा कि मैं पार्टी की प्राइमरी मेंबरशिप से इस्तीफा देता हूं। पंजाब के लिए कभी भी खड़ा होना पड़ेगा तो काम करता रहूंगा। लेकिन अब आम आदमी पार्टी के साथ काम करना अब मुमकिन नहीं है। बता दें कि हाल ही में आप ने घुग्गी को हटा भगवंत मान को पंजाब की कमान सौंपी थी।
घुग्गी बोले कि मैं विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान लगातार ये आवाज उठा रहा था कि आपके दिल्ली से आये ऑब्जर्वर गलत काम कर रहे हैं और पंजाब के नेता खुद ही पंजाब का सारा चुनाव का काम संभाल सकते हैं। और मेरा ये आवाज उठाना ही मुझे पद से हटाने की बड़ी वजह बनी।