Tata Sons अब Air India की नई मालिक होगी. कंपनी ने इस सरकारी एयरलाइंस के लिए सबसे अधिक 18,000 करोड़ रुपये की बोली लगाई. इसी के साथ अब Tata Sons के पास देश में 3 एयरलाइंस होंगी.
‘नए महाराजा’ के नाम की मुनादी
सरकार की ओर से शुक्रवार को Air India कk ‘नया महाराजा’ Tata Sons को चुने जाने की मुनादी कर दी गई. सरकार के विनिवेश कार्यक्रम की जिम्मेदारी देखने वाले विभाग DIPAM के सचिव तुहिन कांत पांडे और और नागर विमानन मंत्रालय सचिव राजीव बंसल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी. इस दौड़ में टाटा संस के अलावा SpiceJet के अजय सिंह के नेतृत्व वाला कंसोर्शियम भी शामिल था.
अजय सिंह से लगाई 2900 करोड़ ज्यादा की बोली
Air India के लिए Tata Sons ने 18,000 करोड़ रुपये की बोली लगाई. वहीं इस दौड़ में शामिल अजय सिंह के कंसोर्टियम ने 15,100 करोड़ रुपये की बोली लगाई. इस तरह Tata Sons ने 2,900 करोड़ रुपये से ज्यादा के अंतर से Air India के मालिकाना हक के लिए लगाई बोली को जीत लिया. टाटा संस के हिस्से एअर इंडिया पर बकाया कुल ऋण का 15,300 करोड़ रुपये भी जाएगा. वहीं उसे कंपनी के करीब 12000 कर्मचारियों को कम से कम एक साल तक नौकरी पर रखना होगा. इसी के साथ रिटायर्ड कर्मचारियों के हितों का भी इस डील में ख्याल रखा गया है.
5 साल तक रखना होगा ‘महाराजा’ का लोगो
Air India का मालिकाना हक मिलने के बाद नए मालिक को इससे जुड़े नाम और लोगो को 5 साल तक संभाल कर रखना होगा. पांडे ने बताया कि Tata Sons चाहे तो 5 साल बाद Air India के नाम और लोगो को ट्रांसफर कर सकती है, लेकिन इसमें एक शर्त रखी गई है कि ये नाम और लोगो किसी भारतीय इकाई या व्यक्ति को ही दिया जा सकेगा. कोई भी विदेशी व्यक्ति या इकाई इसे हासिल नहीं कर सकेगी.
Tata Sons के पास तीन एयरलाइंस
एअर इंडिया की मालिक बनने के बाद अब Tata Sons के पास 3 एयरलाइंस होंगी. समूह के पास पहले से Vistara और AirAisa में हिस्सेदारी है. इसी के साथ टाटा संस की एविएशन सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनी होगी.
Air India के साथ Tata Sons को उसकी सब्सिडियरी Air India Express का भी मालिकाना हक मिलेगा. Air India Express सस्ती हवाई सेवाएं देती हैं. वहीं एअर इंडिया की ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी AI-SATS में सरकार की पूरी हिस्सेदारी टाटा संस को ट्रांसफर होगी. इस डील में Air India की 14,718 करोड़ रुपये की नॉन-कोर एसेट को ट्रांसफर नहीं किया गया है. इसे सरकार की एक नई एसपीवी एअर इंडिया एसेट होल्डिंग लिमिटेड (AIAHL) को सौंपा जाएगा. सरकार बाद में इन संपत्तियों की बिक्री कर एअर इंडिया
Tata से जुड़ा है Air India का इतिहास
Air India की शुरुआत 1932 में टाटा ग्रुप ने ही की थी. जे. आर. डी. टाटा (JRD Tata) जो खुद एक कुशल पायलट थे, उन्होंने Tata Airlines के रूप में इसे शुरू किया था. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद भारत से सामान्य हवाई सेवा की शुरुआत हुई और तब Air India को सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी बना दिया गया. वर्ष 1947 में देश की आज़ादी के बाद एक राष्ट्रीय एयरलाइंस की जरूरत महसूस हुई और भारत सरकार ने Air India में 49% हिस्सेदारी अधिग्रहण कर ली.
इसके बाद 1953 में भारत सरकार ने एयर कॉरपोरेशन एक्ट पास किया और सरकार ने Tata Group से इस कंपनी में बहुलांश हिस्सेदारी खरीद ली. इस तरह Air India पूरी तरह से एक सरकारी कंपनी बन गई.