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गुड़गांव, प्रद्युम्न मर्डर मामले में सरकार द्वारा गठित जांच कमेटी ने स्कूल में सुरक्षा खामियां पायी जाने के बाद हरियाणा सरकार मामले की सीबीआई जांच के लिए तैयार हो गयी है।

गुड़गांव पुलिस को हरियाणा सरकार ने सात दिनों के अंदर दायर किये जाने वाले आरोपपत्र में रेयान इंटरनेशनल स्कूल के मालिक अल्बर्ट पिंटो के खिलाफ किशोर न्याय देखभाल एवं दंड अधिनियम, 2015 की धारा 75 के तहत मामला दर्ज करने का निर्देश दिया है। साथ ही स्कूल को कल बंद रखने का आदेश दिया है।

हत्याकांड की जाँच को आगे बढ़ाते हुए हरियाणा पुलिस की एक टीम मुंबई स्थित स्कूल के हेड ऑफिस पहुंची। रयान स्कूल के सीईओ रायन पिंटो ने अग्रिम जमानत की अर्जी बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर की है। इस मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट मंगलवार को सुनवाई होगी।

प्रद्युम्न के पिता वरुण चंद्रा ठाकुर ने सीबीआई जाँच को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की। वरुण चंद्रा ठाकुर ने प्रद्युम्न की हत्या की सीबीआई से जांच कराए जाने की मांग के अलावा बच्चों की सुरक्षा से संबंधित मामलों में स्कूलों को जवाबदेह बनाने के लिए दिशा निर्देश बनाए जाने की भी मांग की है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, यह केवल एक बच्चे का मसला नहीं है ।बल्कि ये देश के बच्चों का मसला है।

कोर्ट ने CBSE व रयान इंटरनेशनल स्कूल को भी नोटिस भेजा है। सुप्रीम कोर्ट ने CBI को भी नोटिस भेजा है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और हरियाणा सरकार को नोटिस भेजा है। कोर्ट ने 3 हफ्तों में जवाब मांगा है। कोर्ट की सुनवाई के बाद वरुण ठाकुर ने कहा कि उन्हें सर्वोच्च न्यायालय पर पूरा भरोसा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से भी उन्हें सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है।

आज सुबह हरियाणा पुलिस ने रेयान स्कूल मैनेजमेंट के दो अधिकारियों को जे जे एक्ट के तहत गिरफ्तार किया है। इसमें से एक रेयान स्कूल का रीजनल मैनेजर और दूसरा एचआर हेड है।

दूसरी तरफ मर्डर के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारी अभिभावकों और मीडिया पर लाठीचार्ज के मामले में सोहना रोड और सदर थाने के एसएचओ को निलंबित कर दिया गया है। आपको बता दें कि कल गुड़गांव पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया था और 20 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया था।

इस मामले में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने कहा कि स्कूल प्रबंधन के साथ कोई नरमी नहीं बरती जाएगी। उनको जबावदेह ठहराया जाएगा।