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टेक्नोलॉजी जितनी तेजी से आगे बढ़ रही है उतनी ही तेजी से मशीनों का दखल भी इंसानी जीवन में बढ़ रहा है. खबर मिली है कि टेक दिग्गज गूगल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से ऐसा सिस्टम तैयार कर रहा है, जो मरीजों की मृत्यु की भविष्यवाणी कर पाएगा. यानी ये सिस्टम बताने में सक्षम होंगे कि मरीज के जिंदा रहने के कितने आसार हैं और उसकी मौत कब हो सकती है.

गूगल ने हाल ही में एक ऐसा टूल डेवलप किया है जो पहले मरीज की बीमारी के लक्षणों को स्टडी करेगा. फिर स्टडी के आधार पर ये बताएगा कि उसके जिंदा रहने की क्या संभावनाएं हैं. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, इस टूल की टेस्टिंग भी की गई. ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित एक महिला सिटी हॉस्पिटल पहुंची. पहुंचने तक फ्लूइड्स उसके लंग्स में भरने लगे थे.

दो डॉक्टरों ने उस महिला का रेडियोलॉजी स्कैन किया और हॉस्पिटल के कम्प्यूटर्स ने बताया कि 9.3 प्रतिशत तक संभावनाएं हैं कि महिला की मौत हो सकती है. इसके बाद गूगल की बारी आई. कंपनी द्वारा तैयार किए गए एक नई तरह के एल्गोरिदम ने महिला के हेल्थ रिकॉर्ड से संबंधित करीब 175,639 डेटा पॉइंट्स को स्टडी किया और बताया कि महिला की मौत की संभावना 19.9 तक है. इसके कुछ दिन बाद ही महिला की मौत हो गई.

ये देखकर मेडिकल एक्सपर्ट्स हैरान रह गए. जो उन्हें सबसे खास बात लगी वो ये थी कि गूगल उन रिपोर्ट्स और आंकड़ों तक भी पहुंचा जो काफी पुरानी थी और एक्सपर्ट्स नहीं पहुंच पा रहे थे. गूगल ने PDF में मौजूद और पुराने चार्ट पर लिखे गए सारे नोट्स को स्टडी किया और रिजल्ट दिया.

आपको बता दें हेल्थ से जुड़े विशेषज्ञ काफी समय से मरीजों के जमा हेल्थ कार्ड, रिपोर्ट्स और रिकॉर्ड्स को बेहतर तरीके से इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि समय रहते मरीजों को सही जानकारी दी जा सके.